1.

`lambda` तरंगदैर्घ्य का प्रकाश निर्वात नलिका के भीतर एक कैथोड पर गिरता है, जैसा कि गिरता है , जैसा कि चित्र में दिखाया गया है । कैथोड की सतह का कार्य फलन W है एवं एनोड , जोकि चालकीय पदार्थ के तारों की जाली है , कैथोड से d दूरी पर स्थित है । इलेक्ट्रोड के बीच विभवान्तर V स्थिर है । यदि एनोड को पार करने वाले इलेक्ट्रॉनों की न्यूनतम दी-ब्रोगली (de-Broglie ) तरंगदैर्घ्य `lambda_(e)` है, तब अग्रलिखित में से कौन - सा कथन सत्य है ? A. यदि `lambda lt hc//W` है, तो `lambda` के साथ `lambda_(e)` एकसमान दर से बढ़ेगाB. उच्च विभवान्तर `(V gt gt W//e)` पर यदि V को चार गुना बढ़ाया जाये , तो `lambda_(e)` लगभग आधा हो जायेगाC. d को दुगना करने पर `lambda_(e)` लगभग आधा हो जायेगाD. W तथा `lambda` को बढ़ाने पर `lambda_(e)` कम होगा ।

Answer» Correct Answer - B
`E_(k) = (hc)/(lambda) - W`
एनोड पर पहुँचने वाले इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा
`K=(hc)/(lambda) - W + eV`
इलेक्ट्रॉनों की दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य
`lambda_(e) = (h)/(sqrt(2mK))=(h)/(sqrt(2m((hc)/(lambda)-W+eV)))`
जब ` eV gt gt W, lambda_(e) = (h)/(sqrt(2m ((hc)/(lambda)+ eV)))`
जब V को चार गुना बढ़ाया जाता है , तो `lambda_(e)` लगभग आधा हो जायेगा ।


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