1.

लोकगीतों में मुख्यतः ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएँ हैं। अपने शब्दों में इसे सिद्ध कीजिए।

Answer»
  • त्यौहारों और विशेष अवसरों पर लोकगीत गाये जाते हैं। ये गाँवों और देहातों में गाये जाते हैं। इसलिए इन लोकगीतों में मुख्यतः ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएँ हैं।
  • लोकगीतों को गाने वाली भी अधिकतर गाँवों की स्त्रियाँ ही हैं। इसलिए इन लोकगीतों में मुख्यतः ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएँ हैं।
  • इनके लिए कोई साधना की जरूरत भी नहीं होती है। * इसलिए इनमें मुख्यतः ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएं हैं।
  • इन देहाती गीतों के रचयिता कोरी कल्पना को मान न देकर अपने गीतों के विषय रोजमर्रा के बहते जीवन से लेते हैं जिससे वे सीधे मर्म को छू लेते हैं।
  • इनके राग भी साधारणतः पीलु, सारंग, दुर्गा, सावन, सोरठ आदि हैं। इसलिए भी इन गीतों में ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएँ हैं।
  • इन लोकगीतों की भाषा के संबंध में कहा जा चुका है कि ये सभी लोकगीत गाँवों और इलाकों की बोलियों में गाये जाते हैं।
  • इस कारण ये आलादकारक और आनंददायक होते हैं। इसीलिए भी इनमें ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएँ हैं।


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