InterviewSolution
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लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में मदद करने वालो का sachitra वर्णन करें - किन्ही चार । |
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Answer» इस समूह में शामिल अनिमेष मुखर्जी बताते हैं कि यूपी की करीब छह ऐसी जगहें उन्होंने चुनी हैं जहां से प्रवासी मजदूरों का आना-जाना होता है. इन पॉइंट्स पर उद्देश्य एनजीओ के साथ मिलकर उनके साथी मजदूरों को खाने का पैकेट देते हैं. चूंकि ये प्रवासी मजदूर 20-30 या ज्यादा के समूहों में आगे बढ़ रहे होते हैं तो इनके ग्रुप में से तीन लोगों का फोन नंबर ले लेते हैं और इन्हें भी अपना नंबर दे देते हैं.इसके बाद इनकी ट्रैकिंग का सिलसिला शुरू होता है. इन्हें फोन करके लोकेशन जानी जाती है और परेशानी पूछी जाती है. अगर ये रास्ते से भटक जाते हैं, बस या ट्रक चालक इन्हें उतार देते हैं, खाने की समस्या होती है, क्वारंटाइन सेंटर नहीं मिलता तो हम लोग गूगल पर लोकेशन देखते हैं, नजदीकी हेल्प सेंटर, पुलिस चौकी या स्टेशन, क्वारंटाइन सेंटर में उन्हें पहुंचाने में मदद करते हैं. अगर ये सब सुविधाएं नहीं होतीं तो अपने नजदीकियों, स्थानीय पत्रकारों, एनजीओ आदि की मदद लेकर उनके लिए व्यवस्था करवाते हैं. |
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