1.

m द्रव्यमान का एक पिण्ड किसी आदर्श सिंप्रग के सिरे पर लटका हुआ सरल आवर्त दोलन करता है । सिंप्रग का बल-नियतांक k तथा पिण्ड का दोलनकाल T है । विमीय विधि से सिध्द कीजिए की `T = 2 pi m//k` समीकरण अशुध्द है । इसका सही रूप स्थापित कीजिए ।

Answer» यदि समीकरण सही है, तो इसके दोनों ओर के पदों की विमाये एक-सी होनी चाहिए । इसमें आयी राशियों के विमीय सूत्र अगर प्रकार है :
दोलनकाल T का विमीय सूत्र = [T], द्रव्यमान m का विमीय सूत्र = [M], बल-नियतांक k का विमीय सूत्र `=[MT^(-2)]` तथा `2 pi` की कोई विमा नहीं है । इस प्रकार उपरोक्त समीकरण में
बायीं ओर की विमाये = [T]
तथा दायी ओर की विमाये `=([M])/([MT^(-2)])=[T^(2)]`
चूँकि समीकरण के दोनों ओर की विमाये एक-सी नहीं है, अत: समीकरण अशुध्द है ।
समीकरण का सही रूप ज्ञात करने के लिए, मन की पिण्ड का दोलनकाल (T), द्रव्यमान (m) की a घात पर तथा बल-नियतांक (k) की b घात पर निर्भर करता है । तब
`T = K m^(a)k^(b)" "...(i)`
जहाँ K एक विमाहिन नियतांक है । दोनों ओर की विमाये लिखने पर `[T] = [M]^(a)[MT^(-2)]^(b)`
अथवा `[M^(0)L^(0)T^(1)] = [M^(a+b) L^(0)T^(-2b)]`.
विमीय संतुलन के लिए, दोनों ओर के पदों की विमाये समान होनी चाहिए । अत:
a + b = 0 तथा -2b = 1.
हल करने पर : `b = -(1)/(2)` तथा `a = (1)/(2)`
इन मानो को समीकरण (i) में रखने पर
`T = K m^(1//2) k^(-1//2) = K sqrt((m)/(k))`
प्रयोगो से प्राप्त परिणामो के आधार पर नियतांक `K = 2 pi`
`therefore T = 2 pi sqrt((m)/(k))`.


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