1.

माना कि `**`, प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N पर एक द्विआधारी संक्रिया है जो `a **b = a ^(b )` सभी `a , b in N ` द्वारा परिभाषित है। क्या `**`, N पर साहचर्य या क्रमविनिमेय है।

Answer» `2**3 = 2^(3 )= 8 ` तथा `3 ** 2 = 3 ^(2 )=9 `
`therefore 2 **3 ne 3 ** 2`
अतः `**`, समुच्चय N पर क्रमविनिमेय नहीं है।
साथ ही `2**(2**3)=2**2^(3)=2**8=2^(8)=256`
तथा `(2**2)**3=2^(2)**3=4**3=4^(3)=64`
स्पष्टतः `2**(2**3)^(1)(2**2)**3`
अतः `**`, समुच्चय N पर साहचर्य नहीं है।
अतः `**`, समुच्चय N पर न तो क्रमविनिमेय है और न साहचर्य है।


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