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मूल्याधारित प्रश्न कभी-कभी किसी कार्य की सफलता का श्रेय उनको नहीं मिलता, जिन्हें मिलना चाहिए। किसी ऐसे अनुभव कोअपने शब्दों में लिखिए।विश्वास और संकल्प से कुछ असंभव नहीं होता। अपने विचार लिखिए।​

Answer» EXPLANATION:मनुष्य के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, लेकिन दुख की बात है कि उसे स्वयं पर ही विश्वास नहीं होता कि उसके भीतर इतनी शक्तियां विद्यमान हैं। अस्तित्व में मौजूद हर वस्तु में ऊर्जा है। मनुष्य के भीतर भी ऊर्जा का असीम स्नोत है, लेकिन वह कभी यह विश्वास नहीं कर पाता है कि ऐसी अद्भुत और विलक्षण ऊर्जा उसके भीतर निहित है। मनुष्य अगर ठान ले, तो इस ऊर्जा की बदौलत कुछ भी कर सकता है। मनुष्य अपनी ऊर्जा को हर जगह खोजता है, लेकिन अपने भीतर झांककर नहीं देखता। वह हथेलियों से अपनी आंखें ढककर अंधकार की शिकायत जरूर करता है, लेकिन अपने भीतर नहीं झांकता। मनुष्य के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, लेकिन दुख की बात है कि उसे स्वयं पर ही विश्वास नहीं होता कि उसके भीतर इतनी शक्तियां विद्यमान हैं। यदि मनुष्य अपनी मन की गहराइयों में जाए तो वह अपनी शक्तियों को पहचानकर और उनका इस्तेमाल करके असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है। जो व्यक्ति अपनी भीतरी ऊर्जा से आत्मसात हुए वे भविष्य में महापुरुष व युगपुरुष कहलाए। दृढ़ आत्मविश्वासी मनुष्य का हर कार्य सफल होता जाता है


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