1.

नारी के विभिन्न गुणों का परिचय दीजिए।

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नारी पृथ्वी पर मृदल रस की तरह है, नारी सुख का सागर है, नारी वन्दनीय है, अभिनंदनीय है। इसलिए उसे सादर प्रणाम है। धरती की तरह नारी सहनशील है, जल की तरह निर्मल है, फूलों की तरह कोमल है और नारी जीवन की गति, जीवन की रति (प्रेम), जीवन की मति (बुद्धि) है। नारी ने क्षमा, करुणा, स्नेह और अपनी सेवा से इस धरती को धन्य बनाया है।



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