1.

निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजियेवही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी एक नि:शब्द संगीत की भाँति प्रकृति पर छायी हुई थी, वही मित्र-समाज था। वही मनोरंजन के सामान थे। मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी, वहाँ अब करुण-क्रन्दन और अश्रु-प्रवाह था।(1) उपर्युक्त गद्यखण्ड का संदर्भ लिखिए।(2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(3) प्रकृति पर क्या छायी हुई थी?

Answer»

1.सन्दर्भप्रस्तुत गद्यांश मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित कहानी मंत्र से उद्धृत है।

2.रेखांकित अंशों की व्याख्याकैलाश के जन्मदिन समारोह के समय जो हँसीपूर्ण वातावरण था, चारों ओर हास्यपरिहास छाया था वहीं कैलाश को साँप के काट लेने पर करुण पुकार होने लगी, थी। सभी के नेत्रों से आँसू बह रहे थे। हर्ष का वातावरण शोक में बदल गया था।

3.प्रकृति पर सुनहरी चाँदनी संगीत की भाँति छायी हुई थी।



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