1.

निम्नलिखित अभिक्रियाओं का अपचयोपचय अभिक्रियाओं के रूप में औचित्य स्थापित करने का प्रयास कीजिए - (क) `CuO(s)+H_(2)(g)toCu(s)+H_(2)O(g)` (ख) `Fe_(2)O_(3)(s)+3CO(g)to2Fe(s)+3CO_(2)(g)` (ग) `4BCl_(3)(g)+3AlH_(4)(s)to2B_(2)H_(6)(g)+3LiCl(s)+3AlCl_(3)(s)` (घ) `2K(s)+F_(2)(g)to2K^(+)F^(-)(s)` (ड़) `4NH_(3)(g)+5O_(2)(g)to4NO(g)+6H_(2)O(g)`

Answer» (क) `overset(+2-2)(CuO(s))+overset(0)(H_(2))(g)tooverset(0)(Cu)(s)+overset(+1-2)(H_(2)O(g))`
इस अभिक्रिया में Cu की ऑक्सीकरण अवस्था +2 (CuO में) से घटकर शून्य (Cu में) हो जाती है जबकि H की ऑक्सीकरण अवस्था शून्य (`H_(2)` में) से बढ़कर +1 (`H_(2)O` में) हो जाती है । इसलिए अभिक्रिया में CuO का अपचयन तथा का ऑक्सीकरण हो रहा है । अतः यह एक अपचयोपचय अभिक्रिया है ।
(ख) `overset(+3-2)(Fe_(2)O_(3))(s)+overset(+2-2)(3CO)(g)to2overset(0)(Fe)(s)+overset(+4-2)(3CO_(2))(g)`
इस अभिक्रिया में `Fe_(2)O_(3)` का अपचयन हो रहा है क्योकि Fe की ऑक्सीकरण अवस्था `+3(Fe_(2)O_(3)" में")` से घटकर शून्य (Fe में) हो जाती है | CO का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योकि C की ऑक्सीकरण अवस्था +2 (CO में) से `+4(CO_(2)"में")` हो जाती है । अतः यह एक अपचयोपचय अभिक्रिया (Redox reaction) है |
(ग) `overset(+3-1)(4BCl_(3))(g)+overset(+1+3-1)(3LiAlH_(4))(s)tooverset(-3+1)(2B_(2)H_(6))(g)+overset(+1-1)(3LiCl)(s)+overset(+3-1)(3AlCl_(3))(s)`
इस अभिक्रिया में `BCl_(3)` का अपचयन हो रहा है क्योकि B की ऑक्सीकरण अवस्था +3 (`BCl_(3)` में) से घटकर -3 (`B_(2)H_(6)` में) हो जाती है तथा `LiAlH_(4)` का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योकि H की ऑक्सीकरण अवस्था -1 (`LiAlH_(4)` में) से बढ़कर +1 (`B_(2)H_(6)` में) हो जाती है । अतः यह एक अपचयोपचय (redox) अभिक्रिया है
(घ) `overset(0)(2K)(s)+overset(0)(F_(2))(g)tooverset(+1)(2K^(+))overset(-1)(F^(-))(s)`
इस अभिक्रिया में K का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योकि इसकी O.S. (ऑक्सीकरण अवस्था) शून्य से बढ़कर +1 हो जाती है तथा F का अपचयन हो रहा है क्योकि इसकी O.S. शून्य से घटकर -1 हो जाती है अतः यह एक अपचयोपचय अभिक्रिया है
(ड़) `overset(-3)(4N)overset(" "+1)(" "N_(3))(g)+5overset(0)(O_(2))(g)tooverset(+2-2)(4NO)(g)+overset(+1-2)(6H_(2)O)(g)`
इस अभिक्रिया में `NH_(3)` का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योकि इसकी O.S.-3 से बढ़कर +2 हो जाती है तथा `O_(2)` का अपचयन हो रहा है क्योकि इसकी O.S शून्य से घटकर -2 (`H_(2)O` में) हो जाती है । अतः यह एक अपचयोपचय (Redox) अभिक्रिया है ।


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