InterviewSolution
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निम्नलिखित अभिक्रिया क्यों होती है ? `XeO_(6).^(4-)(aq)+2F^(-)(aq)6H^(+)(aq)toXeO_()(g)+F_(2)(g)+3H_(2)O(l)` यौगिक `Na_(4)XeO_(6)` (जिसका एक भाग `XeO_(6).^(4-)` है ) के बारे में आप इस अभिक्रिया से निष्कर्ष निकाल सकते है ? |
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Answer» `overset(+8-4)(XeO_(4))(aq)+overset(-1)(2F^(-))(aq)+6H^(+)(aq)tooverset(+6)(Xe)O_(3)(s)+overset(0)(F_(2))(s)+3H_(2)O(l)` इस अभिक्रिया में `XeO_(6)` का `XeO_(3)` में अपचयन तथा `F^(-)` का `F_(2)` में ऑक्सीकरण हो रहा है । यह अभिक्रिया इसलिए संपन्न होती है क्योकि `XeO_(6),F_(2)` से अधिक प्रबल ऑक्सीकरक है । चूँकि `XeO_(6).^(4-),F_(2)` की तुलना में अधिक प्रबल ऑक्सीकारक है अतएव `Na_(4)XeO_(6)` एक प्रबल ऑक्सीकारक होगा । |
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