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निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-(क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई काबंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें/उस महान सरवर के तीरेशैवालों की हरी दरी पर/प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-के पीछे धावित हो-होकर/तरल तरुण कस्तूरी मृग कोअपने पर चिढ़ते देखा है।

Answer» निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई का
बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें/उस महान सरवर के तीरे


शैवालों की हरी दरी पर/प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।



(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-
के पीछे धावित हो-होकर/तरल तरुण कस्तूरी मृग को


अपने पर चिढ़ते देखा है।


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