1.

निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-हरि आप हरो जन री भीर।द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।भगत कारण रूप नरहरि, धर्योो आप सरीर।

Answer»

काव्य-सौंदर्य-

भाव-सौंदर्य – हे कृष्ण! आप अपने भक्तों की पीड़ा को दूर करो। जिस प्रकार आपने चीर बढ़ाकर द्रोपदी की लाज रखी, व नरसिंह रूप धारण कर भक्त प्रहलाद की पीड़ा (दर्द) को दूर किया, उसी प्रकार आप हमारी परेशानी को भी दूर करो। आप पर पीड़ा को दूर करने वाले हो। 

शिल्प-सौंदर्य- 

1. भाषा – गुजराती मिश्रित राजस्थानी भाषा 

2. अलंकार – उदाहरण अलंकार 

3. छंद – “पद” 

4. रस – भक्ति रस



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