InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 200 शब्दों में निबन्ध लिखिए अकाल : एक राष्ट्रीय समस्या |
|
Answer» मेरे विचार से अकाल का अर्ध है-किसान के घर पर फसल का न आना। अकाल-एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका प्रमुख कारण समुचित वर्षा का न होना ही हैं। अकाल की ज्यादातर सभावना राजस्थान जैसे मरु प्रदेश में होती है। जहाँ यथेष्ट मात्रा में वन नहीं है तथा ऊँचे पहाड़ जो आने वाले वर्षा को रोक सके का अभाव है, वहाँ अकाल आने की संभावनाएँ अधिकतम होती हैं। अकाल के कई अन्य कारण भी हैं। कभी किसी क्षेत्र में बाढ़ आती है और परिणामस्वरूप फसल बह जाती है तो कभी सदियों में पाला पड़ने की वजह से फसलें बरबाद हो जाती हैं। अचानक ओलों की बौछार भी फसलों को रौंदकर रख देती है तो कभी टिड्डीयों के झुंड उगती फसलों को खा जाती है -इसके परिणामस्वरूप अनाज का दाना भी नहीं बचता और गाँव की गरीब जनता में भुखमरी की स्थिति आ जाती है। अकाल की मारी जनता जीविका निर्वाह हेतु पलायन को मजबूर हो जाती है। गाँव खाली हो जाते हैं। रोजी रोटी की जुगाड़ में लोग अपना घर छोड़ कहीं अन्य प्रदेश में बसेरा करने के हेतु अपने गाँव से निकल पड़ते हैं। अधिकांश जनता अनैतिकता को अपनाने में मजबूर हो जाती है। फलत: चोरी, लूट, डाका आदि घटनाएँ बढ़ जाती हैं। सामान्य व्यक्ति भी अकाल के मारे फसलों के अभाव में ऋण भार से दबते जाते हैं। महंगाई की गार जनसामान्य की कमर तोड़ देती है। साथ ही चारे पानी के अभाव में पशुधन की हानि किसानों का जीना दूभर कर देती है। पोने के पानी के अभाव में दूर-दराज से 5-6 किलोमीटर की दूरी से पानी लाने में हो घर की महिलाएँ थक-हार जाती हैं। इस अकाल के कारण सरकार का ध्यान ऐसे अकाल बाधित प्रदेशों में खींचता है और अन्य विकास योजनाओं के लिए समेटा हुआ सरकारी धन यहाँ खर्च करना पड़ता है जिसके कारण कई विकास कार्य अवरुद्ध हो जाते हैं। मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में सारा सरकारी तंत्र लग जाता है। महँगाई की मार, भुखमरी की स्थिति, बेरोजगारी आदि आर्थिक तंत्र को झकझोर कर रख देती है। जलाशय सूख जाते हैं, कुओं का पानी सूख जाता है। कुपोषण के कारण जनता की रोग प्रतिरोधक शक्ति क्षीण हो जाती है। देश में महामारी की स्थिति बन जाती है मृत पशुओं की होड्डियों के ढेर, दूर-दूर तक उजड़ा-सा वातावरण श्मशान जैसा दृश्य हो जाता है। अकाल को परिस्थिति का सामना करना कोई आसान काम नहीं हैं। कई सरकारें आती हैं और चली जाती हैं इन सारकारों ने अकाल से लोहा लिया, किन्तु आज की यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। सरकारी तिजोरी से करोड़ों रुपए अकाल राहत कार्य के लिए इस्तेमाल किए गए, किन्तु अकाल को रोकने का प्रयत्न असफल रहा। यदि अकाल समस्या का स्थायी समाधान निकालना है तो वर्षा के जल को सुरक्षित रखने की व्यवस्था करना होगी। नए जल स्नतो की खोज कर ट्यूबेल से पीने के पानी का समाधान करना होगा। कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान द्वारा ऐसे बजों की खोज करनी होगी जो कम पानी में भी अच्छा उत्पादन दे सकें। राज्य सरकारों को भी इस प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करके अन्य राज्यों से राहायता लेकर स्थायी समाधान निकालने हेतु जमकर प्रयत्न करके जनता को सुरक्षित जीवन मिले, यह ठान लेना चाहिए और अन्य राज्यों की जनता को भी अकाल पीड़ित जनता को ऐसे मुश्किल समय में सहारा देना चाहिए। ऐसे प्रयत्नो से हो अकाल को अ्घारी समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है |
|