1.

निम्नलिखित यौगिकों को उनकी इलेक्ट्रॉन-स्नेही (`E^+`) के प्रति घटती आपेक्षिक क्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए : (क) क्लोरोबेन्जीन, 2, 4-डायनाइट्रो क्लोरोबेन्जीन, p-नाइट्रो क्लोरो बेंजीन (ख) टॉलूइन,`p-H_3C-C_6H_4-NO_2, p-O_2N-C_6H_4-NO_2`

Answer» (क) चूँकि -`NO_2` समूह - CI समूह की तुलना में अधिक प्रबल इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने वाला समूह है, अतएव यह बेन्जीन रिंग को अधिक निष्क्रिय बनाता है। -`NO_2` समूहों संख्या जितनी अधिक होगी, निष्क्रिय बनाने का प्रभाव उतना ही अधिक होगा। अत: दिये गये यौगिकों की क्रियाशीलता का घटता क्रम निम्न है : Chlorobenzene gt p- nitrochlorobenzene gt 2, 4 dinitro- chlorobenzene
(ख) -`CH_3` एक इलेक्ट्रॉन देने वाला तथा - `NO_2` एक इलेक्ट्रॉन खींचने वाला समूह है। -`CH_3` समूह का सक्रियण (activating) प्रभाव `NO_2` समूह के निराकरण (deactivating) प्रभाव से समाप्त हो जाता है। इसलिए दिये गये यौगिकों में टॉल्वीन सर्वाधिक क्रियाशील है। इन यौगिकों की घटती क्रियाशीलता का क्रम निम्न है : Toluene gt p-`H_3C`- `C_6H_4` - `NO_2` gt p - `O_2N` - `C_6H_4`- `NO_2`


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