1.

न्यायिक अभिलेख (रिट) क्या है? संक्षेप में बताइए। याअधिकार पृच्छा का लेख से आप क्या समझते हैं? 

Answer»

सर्वोच्च न्यायालय संविधान की धारा-32 के तहत मूल अधिकारों की रक्षा करने के लिए जो आदेश जारी करता है, उसे न्यायिक अभिलेख (रिट) कहते हैं। रिट पाँच प्रकार की होती है जोकि निम्नलिखित हैं

1. बन्दी प्रत्यक्षीकरण – कार्यपालिका व निजी व्यक्ति दोनों के विरुद्ध उपलब्ध अधिकार जोकि अवैध निरोध के विरुद्ध व्यक्ति को सशरीर अपने सामने प्रस्तुत किए जाने का आदेश जारी करता है। न्यायालय दोनों पक्षों को सुनकर यह निर्णय लेता है कि निरोध उचित है अथवा अनुचित है।
2. परमादेश – इसका शाब्दिक अर्थ है, ‘हम आदेश देते है। यह उस समय जारी किया जाता है जब कोई पदाधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य का पालन नहीं करता। इस रिट के माध्यम से उसे अपने कर्तव्य का पालन करने का आदेश दिया जाता है।
3. उत्प्रेषण – इसका शाब्दिक अर्थ है और अधिक जानकारी प्राप्त करना। यह आदेश कानूनी क्षेत्राधिकार से सम्बन्धित त्रुटियों अथवा अधीनस्थ न्यायालय से कुछ सूचना प्राप्त करने के लिए जारी किया जाता है।
4. अधिकार पृच्छा – जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रूप में कार्य करने लगता है जिसका कि वह वैधानिक रूप से अधिकारी नहीं है तो न्यायालय इस रिट द्वारा पूछता है कि वह किस आधार पर इस पद पर कार्य कर रहा है। इस प्रश्न का समुचित उत्तर देने तक वह कार्य नहीं कर सकता है।
5. प्रतिषेध – यह तब जारी किया जाता है जब कोई न्यायिक अधिकरण अथवा अर्धन्यायिक प्राधिकरण अपने क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण करता है। इसमें प्राधिकरण न्यायालय को – कार्यवाही तत्काल रोकने का आदेश दिया जाता है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions