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न्यायमंत्री ने अपराधी सम्राद के जीवन की रक्षा किस प्रकार की?

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सम्राट अशोक ने एक राजकर्मचारी की हत्या की थी। इस अपराध के लिए न्यायमंत्री ने उन्हें मृत्युदंड देने की घोषणा की। परंतु अपराधी और कोई नहीं स्वयं सम्राट थे। शास्त्रों में राजा को ईश्वररूप माना गया है। इसलिए उसे केवल ईश्वर ही दंड दे सकता है। न्यायमंत्री ने सम्राट की जगह उनकी सोने की मूर्ति को फांसी पर लटकवा दिया। इस प्रकार न्यायमंत्री ने अपराधी समाट के जीवन की रक्षा की।



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