InterviewSolution
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फीनॉल को बेन्ज़ीन में घोलने पर उसके दो-दो अणु संगणित होकर एक बड़ा अणु बना लेते है. जब 2 ग्राम फीनॉल को 100 ग्राम बेन्ज़ीन में घोला जाता है , तब हिमांक में `0.69^(@)C` कि कमी होती है . `(K_(b)=5.12)` फीनॉल की संगुणन की मात्रा ज्ञात कीजिए |
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Answer» `M_(B)=(100xxK_(b)xxW_(B))/(DeltaTxxW_(A))` `=(1000xx5.12xx2)/(0.69xx100)=148.40` `2C_(6)H_(5)OHhArr(C_(6)H_(5)OH)_(2)` `1-x" "x//2` संगुणन के पश्चात `therefore` संगुणन बाद कणो की संख्या `=1-x+x/2=1-x/2` फीनॉल का सामान्य अणुभार `=6xx12+1xx5+16+1=94` `("सामान्य अणुभार")/(" प्रेक्षित अणुभार")=(" संगुणन के बाद कणो की संख्या")/(" संगुणन के पूर्व कणो की संख्या")` `(94)/(148.4)=(1-(x)/(2))/(1)` `(1-(x)/(2))/(1)=(94)/(148.4)=0.633` `x=(1-0.633)xx2=0.367xx2=0.734` या फीनॉल में प्रतिशत संगुणन `=73.40%` |
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