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में होने वाली बीमारियों के लक्षण, बचाव और सावधानियांमानसून में होने वाले इन बीमारियों से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. बरसात आने पर गर्मी से तो राहत मिलती है, लेकिन कई बीमारियां भी साथ में आ धमकती हैं. मानसून आने के साथ ही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया जैसी कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं. इसके अलावा, जुकाम, खांसी जैसे विषाणुजनित संक्रमण होने का भी इन दिनों खतरा होता है. इसलिए मानसून में होने वाले इन बीमारियों से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. बरसात आने पर गर्मी से तो राहत मिलती है, लेकिन कई बीमारियां भी साथ में आ धमकती हैं. चिकनगुनिया से जोड़ों का भयानक दर्द पैदा हो सकता है जो कई वर्षो तक दूर नहीं हो पाता है.कोरोना वायरसताज़ातरीनLIVE टीवीवीडियोवेब स्टोरीज़बॉलीवुडक्रिकेटज़रा हटकेदेशविदेशगैजेटजॉब्सकरियरब्लॉगफोटोउत्तर प्रदेशबिहारमध्य प्रदेशराजस्थानशहरआस्थाफूडलाइफस्टाइलऑटोहेल्थबिजनेसTV पर क्या देखें?न्‍यूज़ ब्रीफनोटिफिकेशनस्विल्सटरAdvertisementवेबस्टोरीज़ रैप के 'बादशाह' ओडिशा की 10 सबसे खूबसूरत जगह Super Foods: जो देंगे सर्दी में गर्मी का अहसास बेस्ट फोटो मोड्स वाले गेम्स ब्रेन स्ट्रोक : क्या है कारण, बचाव और इलाज डीटॉक्स फेस मास्क से मिलेगा नेचुरल ग्लो माराडोना: महान प्लेयर और कंट्रोवर्सी किंग गाने सुनने का मज़ा अब ऐप्स के साथहोमहेल्थमानसून में होने वाली बीमारियों के लक्षण, बचाव और सावधानियां... हेल्थ Edited by अनिता शर्मामानसून में होने वाले इन बीमारियों से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. बरसात आने पर गर्मी से तो राहत मिलती है, लेकिन कई बीमारियां भी साथ में आ धमकती हैं.Updated : FEBRUARY 08, 2019 17:15 ISTमानसून आने के साथ ही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया जैसी कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं. इसके अलावा, जुकाम, खांसी जैसे विषाणुजनित संक्रमण होने का भी इन दिनों खतरा होता है. इसलिए मानसून में होने वाले इन बीमारियों से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. बरसात आने पर गर्मी से तो राहत मिलती है, लेकिन कई बीमारियां भी साथ में आ धमकती हैं. चिकनगुनिया से जोड़ों का भयानक दर्द पैदा हो सकता है जो कई वर्षो तक दूर नहीं हो पाता है. डेंगू से सावधान:डेंगू के नियंत्रण में द्रव पुनर्जीवन का ज्यादा अहम है. अगर ज्यादा से ज्यादा लिक्व‍िड दिया जाए, तो मृत्यु का खतरा कम हो जाता है. मृत्यु का खतरा बुखार उतरने के साथ ही आता है. बुखार ठीक करने वाली दवाओं के दुरुपयोग से डेंगू के मरीजों में रक्त बहना शुरू हो सकता है.मधुमेह के मरीज रखें ध्यानमधुमेह के मरीजों को अपने पांव का ध्यान रखना चाहिए और अंगूठों व नाखूनों में संक्रमण होने से बचाना चाहिए. पैर सदैव सूखे और साफ रखे, ताकि बरसात के पानी के संपर्क में न आ पाए. अस्थमा के मरीजों को भी सावधानी बरतनी चाहिए. उनके घर के आसपास नमी ओर फंगस न पनपने पाए.पाचन तंत्र को रखें सही:बरसात में, जमीन के नीचे छिपे कीड़े बाहर आने लगते हैं, जो सब्जियों को खराब कर देते हैं. यदि पाचन तंत्र ठीक न हो तो ये समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं. इसलिए, अच्छा होगा यदि इन दिनों सामूहिक भोज और शादी विवाह की दावतों से बचा जाए. हल्का भोजन करें, जिसमें अनाज, चावल और गेहूं आदि शामिल हो. पानी को उबाल कर पिएं. गर्म भोजन ही करें. अदरक व हरी सब्जियों का प्रयोग अधिक करें.त्वचा संबंधी परेशानियां इसके साथ ही, बरसात के दिनों में त्वचा का ध्यान रखना आवश्यक है. मानसून में सिर में रूसी हो जाती है, क्योंकि हवा में नमी अधिक रहती है. गीले कपड़ों से जीवाणु जनित संक्रमण हो सकते हैं. फंगल संक्रमण से बगल, गुप्तांगों के आसपास और पैर के अंगूठों के बीच रिंगवर्म आदि से संक्रमण हो सकता है.



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