| Answer» पंजाब समझौता-1970 के दशक में अकालियों के एक समूह ने पंजाब के लिए स्वायत्तता की माँग उठायी। आनन्दपुर साहिब में सन् 1973 में हुए एक सम्मेलन में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें क्षेत्रीय स्वायत्तता का मुद्दा उठाया, केन्द्र-राज्य सम्बन्धों को पुनः परिभाषित करने तथा संघवाद को मजबूत करने पर बल दिया। परन्तु इसे एक अलग सिक्ख राष्ट्र की माँग के रूप में भी पढ़ा जा सकता है।80 के दशक में कुछ चरमपन्थी सिक्खों ने पंजाब को एक अलग राष्ट्र-खालिस्तान बनाए जाने के सम्बन्ध में आन्दोलन शुरू किया। यह आन्दोलन उग्र रूप धारण कर रहा था। फलत: तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी ने ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के तहत स्वर्ण मन्दिर में सेना को घुसने की अनुमति दे दी। इससे पंजाब में उग्रवाद और भड़क गया। इन्दिरा गांधी हत्या इसी की एक कड़ी थी।
 पंजाब समझौता-जुलाई 1985 में अकाली दल के तत्कालीन अध्यक्ष हरचन्द सिंह लोंगोवाल और प्रधानमन्त्री राजीव गांधी के बीच एक समझौता हुआ जिसे ‘पंजाब-समझौता’ कहा जाता है।  इस समझौते के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं- ⦁    मारे गए निरपराध व्यक्तियों के लिए मुआवजा-1 सितम्बर, 1982 के बाद हुई किसी कार्रवाई या आन्दोलन में मारे गए लोगों को अनुग्रह राशि के भुगतान के साथ सम्पत्ति की क्षति के लिए मुआवजा दिया जाएगा।⦁    सेना में भर्ती-देश के सभी नागरिकों को सेना में भर्ती का अधिकार होगा और चयन के लिए केवल योग्यता ही आधार रहेगा।
 ⦁    नवम्बर दंगों की जाँच-दिल्ली में नवम्बर में हुए दंगों की जाँच कर रहे रंगनाथ मिश्र आयोग का कार्यक्षेत्र बढ़ाकर उसमें बोकारो और कानपुर में हुए उपद्रवों की जाँच को भी शामिल किया जाएगा।
 ⦁    सेना से निकाले हुए व्यक्तियों का पुनर्वास-सेना के निकाले हुए व्यक्तियों और उन्हें लाभकारी रोजगार दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
 ⦁    अखिल भारतीय गुरुद्वारा कानून-भारत सरकार अखिल भारतीय गुरुद्वारा कानून बनाने पर सहमत हो गई। इसके लिए शिरोमणि अकाली दल और अन्य सहयोगियों के साथ सलाह-मशविरा और संवैधानिक जरूरतें पूर्ण करने के बाद विधेयक लागू किया जाएगा।
 ⦁    लम्बित मुकदमों का फैसला-सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून को पंजाब में लागू करने वाली अधिसूचना वापस ली जाएगी। वर्तमान विशेष न्यायालय केवल विमान अपहरण तथा शासन के खिलाफ युद्ध के मामले सुनेगी। शेष मामले सामान्य न्यायालयों को सौंप दिए जाएंगे और यदि आवश्यक हुआ तो इसके बारे में कानून बनाया जाएगा।
 ⦁    सीमा विवाद-चण्डीगढ़ का राजधानी परियोजना क्षेत्र और सुखना ताल पंजाब में दिए जाएंगे। केन्द्रशासित प्रदेश के अन्य पंजाबी क्षेत्र पंजाब को तथा हिन्दी भाषी क्षेत्र हरियाणा को दिए जाएंगे।
 समझौते के तुरन्त बाद शान्ति आसानी से स्थापित नहीं हुई। हिंसा का चक्र लगभग एक दशक तक चलता रहा। केन्द्र सरकार को पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा। – 1990 के दशक के मध्यवर्ती वर्षों में पंजाब में शान्ति की स्थापना हुई। सन् 1997 में अकाली दल (बादल) और भाजपा गठबन्धन को चुनावों में जीत हासिल हुई और इसके बाद राजनीति धर्मनिरपेक्षता के मार्ग पर चल पड़ी।
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