InterviewSolution
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प्र. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।जिंदगी का असली आनन्द उनके लिए नहीं हैं, जो फूलों की छौंह के नीचे खेलते और सोते हैं।फूलों की छाँह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए है जो दूररेगिस्तान से आ रहे हैं, जिनका कंठ सूखा हुआ है, होंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है।पानी में जो अमृत तत्व है उसे वह जानता हैं जो धूप में तप चुका है, वह नहीं जिसका वास्तारेगिस्तान से कभी पड़ा नहीं। सुख देनेवाली वस्तुएँ पहले भी थी और अब भी हैं, फर्क यह है कि जोसुखों का मूल्य पहले चुकाते हैं उनके मजे बाद में लेते हैं, उन्हें स्वाद अधिक मिलता है। जीवन काभोग त्याग के साथ करो, यह केवल परामर्श या उपदेश नहीं है, क्योंकि संयम से भोग करने पर जीवनमें जो आनंद प्राप्त होता है, वह निराभोगी बनकर भोगने से नहीं मिल पाता।(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।(ख) गद्यांश में प्रयुक्त ओष्ठ का तदभव व तपस्या का तत्सम शब्द लिखिए।(1)(ग) संयम से भोग करने पर क्या प्राप्त होता है ?(1)(घ) सुखों के मूल्य से क्या तात्पर्य है। स्पष्ट करें।(2) |
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Answer» ग) संयम से भोग करने पर जीवन में जो आनंद प्राप्त होता है वह निरोगी निरोगी बनाकर भोगने से नहीं मिल पाता घ) सुखों का मूल्य पहले छुपाते हैं उनके मजे बाद में लेते हैं उन्हें स्वाद अधिक मिलता है यही तात्पर्य है सुकू का मूल्य से |
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