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प्र०4. निम्नलिखित गद्यांश का हिन्दीएषः एकः वानरः अस्ति । वानरः नृपस्य अतिप्रियम् सेवकः अस्ति। एकस्मिन् रात्रौ नृपः सुप्तः भवति।तदा सः वानरः तम् व्यजनेन वीजयति। सहसा एका मक्षिका नृपस्य नासिकायाम् उपाविशत्। वानरःताम् मक्षिका पुनः पुनः दूरं करोति तथापि सा मक्षिका पुनः पुनः नृपस्य नासिकायाम् तिष्ठति।​

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ANSWER:

एक बंदर था । बंदर राजा का सबसे प्रिये सेवक था । एक दिन जब राजा अपने शयनकक्ष में सो रहे थे, तब वह बंदर उन्हें पंखे से हवा कर रहा था । तभी एक मक्खी राजा की नाक पर बैठ गई L बंदर बार बार उस मक्खी को दूर करता पर वो मक्खी बार बार राजा की नाक पर बैठ जाती ।

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