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प्रेमचंद्र सहज जीवन में विश्वास रखते थे सिद्ध कीजिए​

Answer» ONG>उत्त:- हरिशंकर परसाई जी का एक व्यंग्य कथा है ' प्रेमचंद के फटे जूते' जिसमे उन्होनें प्रेमचंद के सहज और सादे जीवन पर व्यंग्य किया है उन्होने बताया की कैसे प्रेमचंद का जीवन अभावों मे बिता था प्रेमचंद को दिखावा करना पसंद नहीं था उनका व्यक्तितव बाहर तथा भीतर से समान था वे रुकटो से बचकर ही उनसे लड़कर आगे बढते थे

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