1.

पश्चिमी जेट धारा का चक्रवातीय वर्षा लाने में योगदान को बताइए।

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पश्चिमी जेट वायुधारा शीत ऋतु में हिमालय के दक्षिणी भाग के ऊपर समताप मण्डल में स्थिर रहती है। जून मास में यह उत्तर की ओर खिसक जाती है और 25° उत्तरी अक्षांश तक पहुंच जाती है। तब इसकी स्थिति मध्य एशिया में स्थित तियेनशान पर्वत श्रेणी के उत्तर में हो जाती है। इस प्रभाव के कारण ही गर्मियों के चक्रवात और भूमध्य सागरीय क्षेत्रों का पश्चिमी मौसमी हलचल का प्रभाव देश के उत्तरी भागों तक आ पहुंचता है तथा भरपूर वर्षा प्रदान करता है।



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