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Answer» राष्ट्रीय आय का महत्त्व 1. राष्ट्रीय आय से देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का ज्ञान होता है – किसी राष्ट्र की आर्थिक सम्पन्नता उसके द्वारा प्रतिवर्ष उपार्जित आय पर निर्भर होती है। किसी देश की राष्ट्रीय आय को देखकर यह अनुमान लगा लिया जाता है कि देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति किस प्रकार की है ? यदि किसी देश की राष्ट्रीय आय कम है तो इसका अर्थ है कि देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तथा राष्ट्रीय आय में वृद्धि करने की आवश्यकता है। 2. भविष्य का विकास सम्बन्धी प्रवृत्तियों का ज्ञान – राष्ट्रीय आय से किसी देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का ही नहीं बल्कि उसके भावी विकास का भी पता लग जाता है। यदि राष्ट्रीय आय में निरन्तर वृद्धि होती जा रही है तब भविष्य में आर्थिक विकास अच्छा होगा तथा लोगों का जीवन-स्तर ऊँचा होगा। यदि देश में राष्ट्रीय आय कम है तथा उसकी विकास दर भी कम है तो इसका स्पष्ट अर्थ है। कि देश का भविष्य उज्ज्वल नहीं है। 3. देश के आर्थिक कल्याण का ज्ञान – किसी देश की राष्ट्रीय आय तथा उसके आर्थिक कल्याण में घनिष्ठ सम्बन्ध है, “राष्ट्रीय आय को आर्थिक कल्याण का मापक कहा जाता है। अन्य बातें समान रहने पर किसी देश की राष्ट्रीय आय जितनी अधिक होती है उसका आर्थिक कल्याण भी उतना ही अधिक होता है तथा राष्ट्रीय आय के कम हो जाने पर आर्थिक कल्याण घट जाता है। 4. राष्ट्रीय आय से देश के लोगों के रहन – सहन के स्तर का ज्ञान-राष्ट्रीय आय को देखकर यह पता लग जाता है कि देश के लोगों का रहन-सहन का स्तर किस प्रकार का है। देश में प्रति व्यक्ति आय जितनी अधिक होती है लोगों का ज़ीवन-स्तर भी उतना ही ऊँचा होता है। प्रति व्यक्ति आय का कम होना निम्न जीवन-स्तर का सूचक होता है। 5. भिन्न देशों की आर्थिक प्रगति की तुलना – राष्ट्रीय आय के द्वारा दो विभिन्न देशों की आर्थिक प्रगति की तुलना की जा सकती है तथा यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि देश के आर्थिक विकास के लिए अभी कितनी सम्भावनाएँ शेष हैं। 6. आर्थिक नियोजन में महत्त्व – राष्ट्रीय आय को देखकर ही देश के भावी विकास सम्बन्धी योजनाएँ तैयार की जाती हैं। देश के आर्थिक नियोजन को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय आय का ज्ञान आवश्यक है। 7. राष्ट्रीय आय का पूँजी-निर्माण में महत्त्व – पूँजी-निर्माण किसी देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। पूँजी-निर्माण बचत पर निर्भर होता है, बचत प्रति व्यक्ति आय एवं राष्ट्रीय आय से प्रभावित होती है; अतः राष्ट्रीय आय पूँजी-निर्माण को प्रभावित करती है।
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