InterviewSolution
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Rahim das ji ki Kavita |
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Answer» जो रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग। चंदन विष व्यापत नहीं लपटे रहत भुजंग।। हिंदी अर्थ रहीम कहते हैं जो व्यक्ति योग्य एवम अच्छे चरित्र का होता हैं उस पर कुसंगति भी प्रभाव नहीं डाल सकती जैसे जहरीला नाग अगर चन्दन के वृक्ष पर लिपट जाए तब भी उसे जहरीला नहीं बना सकता. दोहा 3: खीरा सिर से काटिये मलियत नमक बनाय। रहिमन करूए मुखन को चहियत इहै सजाय।। हिंदी अर्थ रहीम कहते हैं जिस तरह खीरे को काटकर उसमे नमक लगा कर उसके कड़वेपन को दूर किया जाता हैं उसी प्रकार कड़वे व्यक्ति वचन बोलने वाले को भी यही सजा मिलनी चाहिए. |
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