InterviewSolution
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रे। संतौं भाई आईग्याँन की आँधीभ्रम की टाटी सबै उड़ाँनी, माया रहै न बाँधी।।हिति चित्त की द्वै यूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।त्रिस्नों छाँनि परि घर ऊपरि, कुबधि का भाँडाँ फूटा।जोग जुगति करि संतौं बाँधी, निरचू चुवै न पाँणी।कूड़ कपट काया का निकस्या, हरि की गति जब जाँणी।आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।कहै कबीर भाँन के प्रगटे उदित भया तम खीना।। in short |
| Answer» TION:दुरंतो की का टाइम आया रे रे बांदे चित्र देखनी गिराई कबड्डी का भांडा फूटा जोग जग्गू टीकरी संतो भाजी निरुथुवथु में ना पानी कबो कपट काया का निकट यारी की गति झा की भागीदारी होगी | |