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रणजीत सिंह का महाराजा बनना’ इस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

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12 अप्रैल, 1801 ई० को वैशाखी के शुभ अवसर पर लाहौर में रणजीत सिंह के महाराजा बनने की रस्म बड़ी धूमधाम से मनाई गई। उसने अपनी सरकार को ‘सरकार-ए-खालसा’ का नाम दिया। महाराजा बनने पर भी रणजीत सिंह ने ताज ग्रहण न किया। उसने अपने सिक्के गुरु नानक साहिब तथा गुरु गोबिन्द सिंह जी के नाम पर जारी किये। इस प्रकार से रणजीत सिंह ने खालसा को ही सर्वोच्च शक्ति माना। इमाम बख्श को लाहौर का कोतवाल नियुक्त किया गया।



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