InterviewSolution
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                                    साइबर अपराध क्या है? साइबर अपराध के प्रकारों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। | 
                            
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Answer»  साइबर अपराध का अर्थ एक ओर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई प्रगति ने विश्व को जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, तो दूसरी ओर उस अपराध के क्षेत्र में नवीन प्रकार के अपराधों का जन्म हुआ है। साइबर क्राइम का सम्बन्ध सूचना प्रौद्योगिकी के महत्त्वपूर्ण उपकरण कम्प्यूटर द्वारा होने वाली सूचनाओं के आदानप्रदान एवं व्यापारिक लेन-देन से है। इण्टरनेट, संचार के प्रमुख माध्यम के रूप में उभरा है। इस मुक्त प्रणाली में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए आवश्यक है कि डिजिटल जानकारी किसी अनचाहे व्यक्ति के हाथ में पड़ने से बचाने के लिए सुरक्षा प्रणाली स्थापित हो। जनता में इस माध्यम के इस्तेमाल से व्यापार, संचार, मनोरंजन, सॉफ्टवेयर विकास करने के प्रति विश्वास ही जरूरी नहीं है, अपितु प्रशासन का भी पूरा विश्वास आवश्यक है ताकि वह इसका प्रभावशाली ढंग से दुरुपयोग रोक सके। 1. कम्प्यूटर आधारित प्रलेखों के साथ हेर-फेर इस प्रकार के साइबर अपराध में कोई व्यक्ति सचेत रूप से जानबूझकर कम्प्यूटर में प्रयुक्त गुप्त कोड, कम्प्यूटर प्रोग्राम, कम्प्यूटर सिस्टम अथवा कम्प्यूटर नेटवर्क के साथ हेर-फेर या अदला-बदली करता है या इनको नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है। 2. कम्यूटर सिस्टम को अपने नियन्त्रण में लेना-इस प्रकार के साइबर अपराध में कोई व्यक्ति किसी सरकारी वेबसाइट अथवा कम्प्यूटर सिस्टम को जान-बूझकर किसी माध्यम से अपने नियन्त्रण में ले लेता है तथा उसमें सुरक्षित सूचनाओं के साथ हेर-फेर करता है अथवा उन्हें समाप्त करने का प्रयास करता है, इसे हैकिंग (Hacking) कहा जाता है। हैकर्स दूसरे प्रोग्राम सिस्टम का अवैध रूप से शोषण करते हैं और पूरे कार्यक्रम को तहस-नहस कर देते हैं। अनेक देशों में ऐसे साइबर अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 3. अश्लील सामग्री का प्रसारण इस प्रकार के साइबर अपराध में व्यक्ति ऐसी अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संचारित करता है जिसका देखने वालों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वे ऐसी सामग्री को दर्शकों को दिखाकर, पढ़ाकर अथवा अश्लील बातों को सुनाकर कानून द्वारा इस सन्दर्भ में लगाए गए प्रतिबन्धों को तोड़ने का प्रयास करते हैं। 4. स्टाल्किग, डाटा डिडलिंग एवं फिकरिंग-स्टाल्किग वह तकनीक है जिसमें किसी अनिच्छुक व्यक्ति को लगातार वाहियत संदेश भेजे जाते हैं जिससे उसे संत्रास हो अथवा जिससे उसमें चिंता या उद्विग्नता उत्पन्न हो। डाटा डिडलिंग में उपलब्ध ‘डाटा’ को इस प्रकार मिटाया या सूक्ष्म रूप से परिवर्तित किया जाता है कि उसे पुनः वापस न लाया जा सके अथवा उसकी परिशुद्धता नष्ट हो जाए। फिकरिंग में टेलीफोन बिलों में कम्प्यूटर द्वारा हेरा-फेरी करके बिना मूल्य चुकाए कहीं भी फोन कॉल करके अवैध लाभ उठाया जाता है। उपर्युक्त साइबर अपराधों के अतिरिक्त अनेक प्रकार के कम्प्यूटर वायरसों को तैयार कर सॉफ्टवेयर को गम्भीर क्षति पहुँचाने के मामलों में भी काफी वृद्धि हुई है। वर्तमान में हजारों की संख्या में ऐसे वायरस अस्तित्व में हैं जिनके कारण इण्टरनेट साइट्स को अपूर्णीय क्षति हो रही है।  | 
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