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सामाजिक नियन्त्रण की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

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सामाजिक नियन्त्रण में पायी जाने वाली विशेषताओं का वर्णन निम्नलिखित है

⦁    सामाजिक नियन्त्रण एक सतत घटित होने वाली प्रक्रिया है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण सार्वभौमिक प्रक्रिया है। कोई भी समाज ऐसा नहीं है जिसमें सामाजिक नियन्त्रण न होता हो।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण और आत्म-नियन्त्रण (Self-control) में अन्तर होता है। आत्म नियन्त्रण सदैव अन्तर्जनित होता है। व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से अपने ऊपर नियन्त्रण लगाता है। अपना कानूनी हक होते हुए भी वह उसे त्याग सकता है। सामाजिक नियन्त्रण सदैव बाहरी दबाव होता है। वह बाध्यकारी होता है।
⦁    समाज सामाजिक सम्बन्धों की व्यवस्था है। अतः वह अमूर्त है। वह स्वयं नियन्त्रण लागू करने नहीं आता। इसीलिए अन्ततोगत्वा, सामाजिक नियन्त्रण समाज के नाम में और समाज की ओर व्यक्ति या समूहों द्वारा अन्य व्यक्तियों और समूहों पर लगाया जाता है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण तभी महसूस होता है जब कोई व्यक्ति समाज के किसी नियम का विरोध करता है या उसका उल्लंघन करता है; समाज द्वारा निर्देशित पथ से हटकर विपथगामी होता है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण सामाजिक व्यवस्था की अनिवार्य दशा है।
⦁    यह सामाजिक एकीकरण का प्रमुख साधन है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण समाज में समरूपता और स्थायित्व बनाये रखता है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण सामाजिक परिवर्तन लाने में भी सहायक है, क्योंकि वह परिवर्तनकारी शक्तियों को परिवर्तन के लिए उचित साधन और तरीके अपनाने के लिए बाध्य करता है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण व्यक्ति को समाज के आदर्शों के अनुरूप व्यवहार करने के लिए प्रेरणा देता है।
⦁    सामाजिक नियन्त्रण के अनेक साधन और अभिकरण हैं। 12. दण्ड और पुरस्कार दोनों का इस कार्य में समान महत्त्व होता है।



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