1.

सामाजिक नियन्त्रण कितने प्रकार का होता है ? वर्णन कीजिए।यासामाजिक नियन्त्रण के दो प्रकार क्या हैं? 

Answer»

सामाजिक नियन्त्रण के स्वरूप को लेकर समाजशास्त्री एकमत नहीं हैं। विभिन्न समाजशास्त्रियों ने इसे निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत किया है

1. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सामाजिक नियन्त्रण-प्रसिद्ध समाजशास्त्री कार्ल मॉनहीम ने सामाजिक नियन्त्रण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सामाजिक नियन्त्रण के रूप में वर्गीकृत किया है। जब कोई नियन्त्रण व्यक्ति पर उसके निकटतम सदस्यों द्वारा लागू किया जाता है तब उसे प्रत्यक्ष नियन्त्रण कहा जाता है। प्रशंसा, आलोचना, दण्ड और पुरस्कार प्रत्यक्ष नियन्त्रण के ही उदाहरण हैं। माता-पिता, भाई-बहन, मित्र, पड़ोसी तथा अध्यापक प्रत्यक्ष नियन्त्रण के अभिकरण होते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण अथवा अन्य समितियों द्वारा लागू किया गया नियन्त्रण अप्रत्यक्ष सामाजिक नियन्त्रण कहलाता है। अप्रत्यक्ष नियन्त्रण में नियन्त्रण का
स्रोत दूर होते हुए भी यह सम्पूर्ण समूह को नियन्त्रित बनाये रखता है।

2. चेतन और अचेतन सामाजिक नियन्त्रण-चार्ल्स कूले और एल०एल० बर्नार्ड ने सामाजिक नियन्त्रण को चेतन और अचेतन दो भागों में वर्गीकृत किया है। सोच-समझकर लागू किया गया नियन्त्रण चेतन’ नियन्त्रण कहलाता है। इस नियम में प्रथाएँ, कानुन और परम्पराएँ प्रमुख भूमिका निभाती हैं। सामाजिक अन्त:क्रियाओं द्वारा लागू किया गया नियन्त्रण अचेतन नियन्त्रण कहलाता है। धर्म, संस्कार, विश्वास और मानव का व्यवहार अचेतन नियन्त्रण में सहभागिता निभाते हैं। अचेतन सामाजिक नियन्त्रण के अभिकरण मानव व्यक्तित्व के अंग बन जाते हैं; अत: मानव उनका पालन स्वतः करने लगता है।

3. सकारात्मक और नकारात्मक नियन्त्रण-प्रसिद्ध समाजशास्त्री किम्बाल यंग ने सामाजिक नियन्त्रण को सकारात्मक नियन्त्रण और नकारात्मक नियन्त्रण के रूप में दो भागों में वर्गीकृत किया है। परम्पराओं, मूल्यों तथा आदर्शों द्वारा व्यवहार को नियन्त्रित करना सकारात्मक सामाजिक नियन्त्रण है। दण्ड के भय से व्यक्ति जब सामाजिक नियमों का पालन करता है, तो उसे नकारात्मक नियन्त्रण कहते हैं।

4. औपचारिक और अनौपचारिक सामाजिक नियन्त्रण-लिखित कानूनों और निश्चित नियमों द्वारा किया जाने वाला नियन्त्रण सामाजिक नियन्त्रण कहलाता है। राज्य, कानून, न्यायालय, पुलिस, प्रशासन, शिक्षा और जेल आदि अभिकरण औपचारिक नियन्त्रण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। | प्रथाओं, परम्पराओं, लोकाचारों, विश्वासों, संस्कारों, धर्म, नैतिक आदर्शों, मित्र-मण्डली और परिवार द्वारा जो नियन्त्रण लागू किया जाता है उसे अनौपचारिक नियन्त्रण कहा जाता है। अनौपचारिक नियन्त्रण केवल प्राथमिक समूहों द्वारा ही लागू होता है।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions