InterviewSolution
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सामने अकबर के आने के लिए थी इक प्रथा,और सारे देश में थी जानी-मानी यह प्रथा।हो उपस्थित जिस समय कोई मुगल दरबार में,संदेश ले महाराणा का हाज़िर हुआ इक राजपूत,घा बहादुर मनचला मेवाड़ का सच्चा सुपूत।सामने अकबर के आया पगड़ी ली ऊपर उठा,और फिर सम्राट के आगे वह नतमस्तक हुआ।सर झुकाए और फिर आदाब दे सरकार में।"ऐ बहादुरक्यों भला,हो चकित अकबरनेपूछा,दस्तार को ऊँचा उठा आदाब है हमको दिया?"दूत बोला–“पगड़ी यह दी थी मुझे महाराणा ने,तुच्छ सेवक पर कृपा की थी श्री महाराणा ने।मैं किसी के सामने इसको झुका सकता नहीं,नाम पर श्री राणा के धब्बा लगा सकता नहीं।स्वामी भी नहीं झुकते किसी के सामने,उनकी पगड़ी क्यों झुकाऊँ मैं किसी के सामने?-तीर्थ राज 'पुष्प' meaning |
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Answer» पुष्प मतलब फूल |
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