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साशीहाथ बढ़ानाप. इस गीत की किन पंकियों को तुम अपने आसपासकीजिंदगी में घटते हुए देख सकते हो। ​

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उत्तर--इस गीत के निम्नलिखित पंक्तियो को हम अपने आसपास के जिन्दगी में घटते हुए देख सकते हैं -

साथी हाथ बढ़ाना

एक अकेला थक जयेगा ,मिलकर बोझ उठाना ।

साथी हाथ बढ़ाना ।

हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढाया ।

सागर ने रास्ता छोरा, पर्वत ने सीस झूकाया ।

फ़ौलादी हैं सिने अपने , फ़ौलादी हैं बांहे ।

हम चाहे तो चट्टानो में पैदा कर दे राहें ।



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