1.

श्वसन क्रिया की उपक्रियाएँ या चरण की प्रक्रिया समझाइए।

Answer»

श्वसन क्रिया की दो उपक्रियाएँ निम्न प्रकार हैं।

1. अन्त:श्वास (Inspiration) इस प्रक्रिया में वायु अन्दर ली जाती है, जिससे डायाफ्राम की पेशियाँ संकुचित होती हैं एवं डायाफ्राम समतल (Flattened) हो जाता हैं। निचली पसलियाँ बाहर एवं ऊपर की ओर फैलती हैं तथा छाती फूल जाती है। फेफड़ों में वायु का दाब कम हो जाता है और वायु फेफड़ों में प्रवेश कर जाती है।।

2. नि:श्वसन/उच्छ्वास (Expiration) नि:श्वसन की क्रिया में वायु फेफड़ों से बाहर निकाली जाती है। इसमें डायाफ्राम एवं पसलियों की पेशियाँ शिथिल हो जाती हैं तथा डायाफ्राम फिर से गुम्बद आकार (Dome-Shaped) का हो जाता है। छाती संकुचित होती है तथा वायु बाहर की ओर नाक एवं वायुनाल द्वारा निकलती है। मनुष्य एक मिनट में 12-15 बार साँस लेता हैं, जबकि नवजात शिशु एक मिनट में लगभग 40 बार साँस लेता है। सोते समय श्वसन की दर सबसे कम होती है।
मनुष्य में वायु का मार्ग इस प्रकार होता हैं।

नासारन्ध्र + ग्रसनी ने कण्ठ + श्वासनाल —- श्वसनी
कोशिका — रुधिर – वायुकोष्ठक — श्वसनिकाएँ



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions