InterviewSolution
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समान द्रव्यमान और त्रिज्या के एक खोखले बेलन और एक ठोस गोले पर समान परिमाण के बल आघूर्ण लगाये गये हैं। बेलन अपनी सामान्य सममित अक्ष के परितः घूम सकता है। और गोला अपने केन्द्र से गुजरने वाली किसी अक्ष के परितः। एक दिये गये समय के बाद दोनों में कौन अधिक कोणीय चाल प्राप्त कर लेगा? |
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Answer» माना ठोस गोले तथा खोखले गोले का द्रवमान M तथा त्रिज्या R है। ऊपरी अक्ष के पारित: खोखले गोले का द्रव्यमान `I_(1)=MR^(2)` ठोस गोले का व्यास के पारित: जड़त्व आघूर्ण `I_(2)=2/5MR^(2)` माना खोखले तथा ठोस गोले का बल आघूर्ण `tau` सामान है `therefore tau=I_(1) alpha_(1)` तथा `tau=I_(2) alpha_(2)` अंत: `I_(2)alpha_(1)=I_(2)alpha_(2)` या `(alpha_(1))/(alpha_(2))=I_(2)/I_(1)=((2)/(5)MR^(2))/(MR^(2))=2/5` या `alpha_(2)=5/2alpha_(1)` `=25alpha _1.....(i)` माना t समय के बाद खोखले तथा ठोस गोले की कोणीय चाल क्रमश: `omega_(1) "तथा " omega_(2)` है `therefore omega_(1)=omega_(0)+alpha_(1)t....(ii)` तथा `omega_(2)=omega_(0)+alpha_(2)` `=omega_(0)+25alpha_(1)t.....(iii)` समीकरण (ii) तथा (iii) से `omega_(2) gt omegaw_(1)` अंत: दिए गए समय से ठोस गोला अधिकतम कोणीय चाल प्राप्त कर लेगा। |
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