1.

संधारित्र दिष्ट-धारा को रोक देता है, क्यों ?

Answer» प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में संधारित्र द्वारा आरोपित प्रतिरोध अर्थात धारिता-प्रतिघात
`X_(C)=(1)/(omegaC)`
`=(1)/(2pivC)`
जहाँ v =प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति दिष्ट-धारा के लिए v=0
अतः दिष्ट -धारा परिपथ में संधारित्र द्वारा आरोपित प्रतिरोध
`=(1)/(2pi.0.C)=(1)/(0)=oo` (अनन्त)
अतः संधारित्र दिष्ट -धारा को रोक देता है।


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