InterviewSolution
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संधारित्र दिष्ट-धारा को रोक देता है, क्यों ? |
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Answer» प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में संधारित्र द्वारा आरोपित प्रतिरोध अर्थात धारिता-प्रतिघात `X_(C)=(1)/(omegaC)` `=(1)/(2pivC)` जहाँ v =प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति दिष्ट-धारा के लिए v=0 अतः दिष्ट -धारा परिपथ में संधारित्र द्वारा आरोपित प्रतिरोध `=(1)/(2pi.0.C)=(1)/(0)=oo` (अनन्त) अतः संधारित्र दिष्ट -धारा को रोक देता है। |
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