1.

संलग्न चित्र में प्रदर्शित परिपथ में बैटरी द्वारा स्थायी अवस्था में दी गई धारा की गणना किजिए । संधारित्र पर आवेश भी ज्ञात किजिए ।

Answer» संधारित्र के आवेशित हो जाने पर , इसमें कोई धारा नहीं बहेगी । अतः स्थायी अवस्था में परिपथ की बीच की भुजा में कोई धारा नहीं होगी । चूँकि `4Omega` प्रतिरोध में कोई धारा नहीं है , अतः इसे छोड़ सकते हैं `2Omega` व `6Omega` के प्रतिरोध परस्पर श्रेणीक्रम में हैं अतः परिपथ में धारा
`i=(2"वोल्ट ")/((2+6)"ओम")=0.25`ऐम्पियर ।
`6Omega` प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर
`=0.25"ऐम्पियर"xx6"ओम"=1.5`वोल्ट ।
चूँकि `4Omega` प्रतिरोध में कोई धारा नहीं है , अतः इसके सिरों के बीच विभवान्तर शून्य होगा तथा संधारित्र की प्लेटों के बीच विभवान्तर 1 । 5 वोल्ट होगा (जो `6Omega` प्रतिरोध के सिरों के बीच है )।
`therefore` संधारित्र पर आवेश q = CV = 2 `" मइक्रोफैरड" xx1.5` वोल्ट
=3 माइक्रोकूलॉम ।


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