1.

संतों ने अपना शरीर क्यों धारण किया है?​

Answer»

\huge\pink{\mathfrak{answer}}

संत कबीर के दोहे SANT KABIR KE Dohe

वृक्ष कभी अपने फल नही खाते, नदियाँ भी अपना जल स्वयं नही पीती... ठीक इसी तरह से संतो ने जो अपना शरीर धारण किया है वो दूसरे के भले के लिए होता है। अगर कोई साधु या संत दूसरे का भला छोड़कर खुद के स्वार्थ के बारे में ही सोचे तो फिर वह साधू नही है।

Let's MAKE it 2K



Discussion

No Comment Found