1.

ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए: ‘जिसमें लाग नहीं, गैरत नहीं, वह जवान भी मृतक है।’

Answer»

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।
संदर्भ : लेखक प्रेमचंद ने पाठकों को लगन और मेहनत से किए गए परिश्रम के महत्व को बताया है।
स्पष्टीकरण : लेखक ने मानव जीवन में लाग के महत्व को समझाते हुए कहा है कि जिसमें लाग है, वह बूढ़ा भी जवान व्यक्ति के समान है, और जिसमें लाग नहीं वह जवान भी मृतक के समान है।
सुजान ने आठ महीने अविरल परिश्रम करने के उपरान्त सुख और अपने खोए हुए अधिकार को आज पुनः प्राप्त किया था। वह सुजान की लाग थी, उसी लाग और मेहनत ने सुजान को अमानुषीय बल प्रदान किया था।



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