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स्वराज से आप क्या समझते हैं?

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भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतन्त्रता की समानार्थी अवधारणा ‘स्वराज’ है। स्वराज का अर्थ ‘स्व’ का शासन भी हो सकता है और ‘स्व’ के ऊपर शासन भी। भारत के स्वतन्त्रता संघर्ष के सन्दर्भ में ‘स्वराज’ राजनीतिक और संवैधानिक स्तर पर स्वतन्त्रता की माँग है और सामाजिक स्तर पर यह एक मूल्य है। इसीलिए स्वराज स्वतन्त्रता आन्दोलन में एक महत्त्वपूर्ण नारा बन गया जिसने तिलक के प्रसिद्ध कथन “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा” को प्रेरित किया।



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