InterviewSolution
| 1. |
The phrase show crystals glinted like diamonds is a simile .A simile make a comparison between two unrelated things that have a common feature by using the words like or as |
|
Answer» 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण* 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए।*5. जाबिर हुसैन की भाषा- शैली की विशेषताएं* 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए।*5. जाबिर हुसैन की भाषा- शैली की विशेषताएं*▪️ भाषा क्लिष्ट लेकिन बोध गम्य है। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए।*5. जाबिर हुसैन की भाषा- शैली की विशेषताएं*▪️ भाषा क्लिष्ट लेकिन बोध गम्य है।▪️ संस्कृत पदावली का भी प्रयोग हुआ है। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए।*5. जाबिर हुसैन की भाषा- शैली की विशेषताएं*▪️ भाषा क्लिष्ट लेकिन बोध गम्य है।▪️ संस्कृत पदावली का भी प्रयोग हुआ है।▪️ डायरी शैली का प्रयोग है। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए।*5. जाबिर हुसैन की भाषा- शैली की विशेषताएं*▪️ भाषा क्लिष्ट लेकिन बोध गम्य है।▪️ संस्कृत पदावली का भी प्रयोग हुआ है।▪️ डायरी शैली का प्रयोग है।▪️ शिल्प में नवीनता है। 6. *सालिम अली के व्यक्तित्व का चित्रण*▫️वे एक समर्पित प्रकृति प्रेमी, पर्यावरणविद तथा पक्षी विज्ञानी थे।▫️ पर्यावरण को लेकर वे अत्यधिक भावुक और चिंतित हो जाते थे।▫️ वे प्रकृति की दुनिया में टापू बनने की जगह अथाह सागर बनकर उभरे थे।▫️ वे प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाय प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल थे।▫️ वे नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए।*5. जाबिर हुसैन की भाषा- शैली की विशेषताएं*▪️ भाषा क्लिष्ट लेकिन बोध गम्य है।▪️ संस्कृत पदावली का भी प्रयोग हुआ है।▪️ डायरी शैली का प्रयोग है।▪️ शिल्प में नवीनता है।▪️ व्यक्ति चित्र प्रस्तुत हुआ है। |
|