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थर्ड डिवीजनरों की व्यथा को प्रकट कीजिए।

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थर्ड डिवीजनरों का जीवन नरक के समान होता है। उनके लिए हर कहीं दरवाजा बंद रहता है जैसे वे आदमी नहीं, बैल हैं। उनकी उपेक्षा होती है। उन्हें नौकरी के लिए नाक रगड़नी पड़ती है। कदम, कदम पर निराशा होती है। अतः थर्ड डिविजनवालों को नालायक समझकर कोई नौकरी नहीं देता।



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