InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
तुलसी रघुवीर प्रियाश्रम जानि के, बैठि बेलंब लौ कंटक काढ़े |
|
Answer» पोंछि पसेउ बयारि करौं, अरु पाय पखारिहौं भूभुरि-डाढ़े॥ तुलसी रघुबीर प्रियाश्रम जानि कै बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े। जानकीं नाहको नेहु लख्यो, पुलको तनु, बारि बिलोचन बाढ़े॥ शब्दार्थ- लरिका- बालक। |
|