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तयोर्नित्यं प्रियं कुर्यादाचार्यस्य च सर्वदा। तेष्वेव त्रिषु तुष्टेषु तपः सर्वं समाप्यते ।। हिंदी में अनुवाद कीजिए ।​

Answer»

माता, पिता और आचार्य इन तीनों की सेवा शुश्रुषा सदैव करनी चाहिये। इनके प्रसन्न रहने से सब तप सम्पूर्ण होते हैं।Explanation:यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .



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