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What is the meaning of the following lines from the Poem- 'जीना भी एक कला है'."बुहुत ज़ोर से बोले हो, स्वर इसलिए धीमा है,घबराओ मत, उन्नति की भी बंधी हुई सीमा है।"​

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ANSWER:

जीवन की शुरुआत सीखने और सीखने से से शुरू होता है जिसे बच्चा माता पिता और परिवार से सीखता है । मनुष्य जब तक जीता है वह हर दिन नई बातें सीखता है, और हर नई सीख हमें एक नई दिशा दिखाती है । इसीलिए कहते है कि जीवन जीना भी एक कला है , जिसमे विरले ही अपनी प्रतिभा के साथ न्याय कर पाते है



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