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Write a poem on deshabhakthi(patrotism) in your own creative words minimum 8to 4lines.Please answer fast.Who will write on there own creative I will mark as brainliest​

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ANSWER:

For Hindi

ऐ मेरे प्यारे वतन

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन

तुझ पे दिल कुरबान

तू ही मेरी आरजू़, तू ही मेरी आबरू

तू ही मेरी जान

तेरे दामन से जो आए

उन हवाओं को सलाम

चूम लूँ मैं उस जुबाँ को

जिसपे आए तेरा नाम

सबसे प्यारी सुबह तेरी

सबसे रंगी तेरी शाम

तुझ पे दिल कुरबान

माँ का दिल बनके कभी

सीने से लग जाता है तू

और कभी नन्हीं-सी बेटी

बन के याद आता है तू

जितना याद आता है मुझको

उतना तड़पाता है तू

तुझ पे दिल कुरबान

छोड़ कर तेरी ज़मीं को

दूर आ पहुँचे हैं हम

फिर भी है ये ही तमन्ना

तेरे ज़र्रों की कसम

हम जहाँ पैदा हुए उस

जगह पे ही निकले दम

तुझ पे दिल कुरबान



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