1.

यदद आप इस गद्याशं का ियन करिेिैंिो कृपया उत्तर-पवुस्िका िेंवलखेंदक आप प्रश्न सख्ं या 1 िेंददए गए गद्याशं I पर आिाररि प्रश्नों केउत्तर वलख रिेि |ैंििडआपसी सद्भाव एवंएकिा का प्रिीक िैक्योंदक दकसी ििडववशेष को िाननेवालेलोगएक िी प्रकार की िीवन पद्धवि का पालन करिेिैं। ििडया िज़िब अपनेअनुयावययों कोएकिा केसूत्र िेंवपरोकर रखनेका कायडभी करिा िै। िब-िब दकसी भी ववदेशी आक्रांिा नेभारि पर आक्रिर् दकया िैउसनेििडकेबिाय सिाि िेंसाम्प्प्रदावयकिा की भावना कोपनपाकर राष्ट्रीय एकिा को खंवर्ि करनेका प्रयास दकया िै। िार्िडक एकिा को ववखंवर्िकरनेकेबाद िी वेभारि पर कब्िा करनेिेंकाियाब िो पाए। अंग्रेिों नेभी यिी दकया और200 वषों िक भारि पर शासन दकया। िि वनविि रूप सेइिनेवषों की गुलािी सेबििािे, अगर ििनेसाम्प्प्रदावयकिा की भावनाओं पर अंकुश लगािेहुए, सवडििडसिभाव एवंििडकी िूल भावना को सिी अथों िेंसिझा और अपनाया िोिा।स्वािी वववेकानंद केअनुसार ििडलोगों को संगरिि करनेका कायडकरिा िैऔर भाईिारेकी भावना केसाथ सिाि को सिग्र ववकास केपथ पर अग्रसर करिा िै। सािाविक एकिाको बढ़ाना ववश्व केसभी ििों की स्थापना का िूल उद्देश्य िै। ििडका उद्देश्य अपनेअनुयावययों को िीवन िीनेकेवलए िरूरी सभी गुर्ों सेपररपूर्डकरिेहुए एक ऐसा आिारप्रदान करना िैविससेवेएकिा की भावना सेसंगरिि िोकर सिाि की भलाई केवलए कायड कर सकें। इन संदेशों का सार यि िैदक िर िििब या ििडएकिा का िी पाि पढ़ािेिैं। (क) ववदेशी आक्रांिाओं नेराष्ट्रीय एकिा को खंवर्ि करनेकेवलए क्या दकया?I. ििडका सिारा वलया और लोगों को अपनेपक्ष िेंकर वलया |II. साम्प्प्रदावयकिा की भावना को भड़काकर भारिीयों को ववभाविि दकया |III. ििडकेआिार पर भारिीयों को संगरिि दकया |IV. िबरन ििडपररविडन करवाया और न िाननेपर आक्रिर् दकया |1 (ख) गद्याशं केअनुसार सभी ििों की स्थापना का िूल उद्देश्य क्या िै ?I. ईश्वर केप्रवि आस्था िाग्रि करना |II. ििडकेिाध्यि सेववश्व रािनीवि को प्रभाववि करना |III. सािाविक एकिा एवंसद्भाव |IV. उपयुडक्त सभी |1 (ग) कौन लोगों को सिग्र ववकास केपथ पर अग्रसर करिा िै ?I. स्वािी वववेकानंदII. ििडIII. एक संगरिि सिािIV. एक सच्चा अनुयायी1 (घ) ‘साम्प्प्रदावयक भावना’ का िात्पयडिै –I. अपनेसम्प्प्रदाय या ििडिेंअगाि आस्था |II. अपनेसम्प्प्रदाय या ििडिेंअगाि आस्था एवंअन्य ििों केप्रवि आदर भाव |III. ववश्व केसभी ििों िेंआस्था रखना |IV. अपनेसम्प्प्रदाय या ििडको श्रेष्ठ िानिेहुए दूसरेसम्प्प्रदाय या ििडको गलिििराना अथवा द्वषे रखना |1 (ङ) इस गद्याशं का सवाडविक उपयुक्त शीषडक क्या िै? I. साम्प्प्रदावयकिाII. ििडका उद्देश्य एवंिित्त्वIII. राष्ट्रीय एकिा िेंििडका िित्त्वIV. ििडऔर िानव िीवन1 अथवा ​

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यदद आप इस गद्याशं का ियन करिेिैंिो कृपया उत्तर-पवुस्िका िेंवलखेंदक आप प्रश्न सख्ं या1 िेंददए गए गद्याशं I पर आिाररि प्रश्नों केउत्तर वलख रिेि |ैंििडआपसी सद्भाव एवंएकिा का प्रिीक िैक्योंदक दकसी ििडववशेष को िाननेवालेलोगएक िी प्रकार की िीवन पद्धवि का पालन करिेिैं। ििडया िज़िब अपनेअनुयावययों कोएकिा केसूत्र िेंवपरोकर रखनेका कायडभी करिा िै। िब-िब दकसी भी ववदेशी आक्रांिा नेभारि पर आक्रिर् दकया िैउसनेििडकेबिाय सिाि िेंसाम्प्प्रदावयकिा की भावना कोपनपाकर राष्ट्रीय एकिा को खंवर्ि करनेका प्रयास दकया िै। िार्िडक एकिा को ववखंवर्िकरनेकेबाद िी वेभारि पर कब्िा करनेिेंकाियाब िो पाए। अंग्रेिों नेभी यिी दकया और200 वषों िक भारि पर शासन दकया। िि वनविि रूप सेइिनेवषों की गुलािी सेबििािे, अगर ििनेसाम्प्प्रदावयकिा की भावनाओं पर अंकुश लगािेहुए, सवडििडसिभाव एवंििडकी िूल भावना को सिी अथों िेंसिझा और अपनाया िोिा।स्वािी वववेकानंद केअनुसार ििडलोगों को संगरिि करनेका कायडकरिा िैऔर भाईिारेकी भावना केसाथ सिाि को सिग्र ववकास केपथ पर अग्रसर करिा िै। सािाविक एकिाको बढ़ाना ववश्व केसभी ििों की स्थापना का िूल उद्देश्य िै। ििडका उद्देश्य अपनेअनुयावययों को िीवन िीनेकेवलए िरूरी सभी गुर्ों सेपररपूर्डकरिेहुए एक ऐसा आिारप्रदान करना िैविससेवेएकिा की भावना सेसंगरिि िोकर सिाि की भलाई केवलए कायड कर सकें। इन संदेशों का सार यि िैदक िर िििब या ििडएकिा का िी पाि पढ़ािेिैं। (क) ववदेशी आक्रांिाओं नेराष्ट्रीय एकिा को खंवर्ि करनेकेवलए क्या दकया?I. ििडका सिारा वलया और लोगों को अपनेपक्ष िेंकर वलया |II. साम्प्प्रदावयकिा की भावना को भड़काकर भारिीयों को ववभाविि दकया |III. ििडकेआिार पर भारिीयों को संगरिि दकया |IV. िबरन ििडपररविडन करवाया और न िाननेपर आक्रिर् दकया |1 (ख) गद्याशं केअनुसार सभी ििों की स्थापना का िूल उद्देश्य क्या िै ?I. ईश्वर केप्रवि आस्था िाग्रि करना |II. ििडकेिाध्यि सेववश्व रािनीवि को प्रभाववि करना |III. सािाविक एकिा एवंसद्भाव |IV. उपयुडक्त सभी |1 (ग) कौन लोगों को सिग्र ववकास केपथ पर अग्रसर करिा िै ?I. स्वािी वववेकानंदII. ििडIII. एक संगरिि सिािIV. एक सच्चा अनुयायी1 (घ) ‘साम्प्प्रदावयक भावना’ का िात्पयडिै –I. अपनेसम्प्प्रदाय या ििडिेंअगाि आस्था |II. अपनेसम्प्प्रदाय या ििडिेंअगाि आस्था एवंअन्य ििों केप्रवि आदर भाव |III. ववश्व केसभी ििों िेंआस्था रखना |IV. अपनेसम्प्प्रदाय या ििडको श्रेष्ठ िानिेहुए दूसरेसम्प्प्रदाय या ििडको गलिििराना अथवा द्वषे रखना |1 (ङ) इस गद्याशं का सवाडविक उपयुक्त शीषडक क्या िै? I. साम्प्प्रदावयकिाII. ििडका उद्देश्य एवंिित्त्वIII. राष्ट्रीय एकिा िेंििडका िित्त्वIV. ििडऔर िानव िीवन1 अथवा



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