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यदि पृथ्वी पर से समस्त जीवाणु समाप्त हो जायें तो जीव जगत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

Answer» जीवाणु, जीव-जंतुओं व पेड़-पौधों के मृतक शरी को सड़ाकर समाप्त करते हैं और इस प्रकार प्राकृतिक अपमार्जक का कार्य करते हैं। इनके न होने पर मृत जीव-जंतु ऐसे ही भूमि पर पड़े रहते, जिससे जीना भी दूभर हो जाता। साथ ही मृतक जीवों के सड़ने पर उनके शरीर में स्थित जटिल कार्बनिक पदार्थ सरल अकार्बनिक पदार्थो, जैसे कार्बन डाइ ऑक्साइड व नाइट्रोजन यौगिकों के रूप में मुक्त हो जाते हैं। इनमें से `CO_(2)` वायुमण्डल में चली जाती है तथा नाइट्रोजन के यौगिक भूमि में मिल जाते हैं। पौधे इन्हीं नाइट्रोजन यौगिकों को भूमि से खाद के रूप में ग्रहण करते हैं और प्रकाश-संश्लेषण के समय वायुमण्डल से `CO_(2)` को ग्रहण करते हैं।
अत3 इनके अभाव में कुछ समय बाद समस्त पेड़-पौधे नष्ट हो जायेंगें। क्योंकि सभी जंतु किसी न किसी रूप में पौधों पर आश्रित है अतः कुछ समय बाद ये भी नष्ट हो जायेगें। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि जीवाणुओं के न होने पर समस्त जीव-जगत ही समाप्त हो जायेगा।


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