1.

यदि स्वर्ण पत्री पर आपतित `alpha`-कणो की गतिज ऊर्जा को रदरफोर्ड प्रकीर्णन प्रयोग में दुगुना कर दिया जाए तो निकटतम पहुँच की दूरी का मान क्या होगा?

Answer» निकटतम पहुँच की दूरी का मान गतिज ऊर्जा के व्युत्क्रमानुपाती होता है अतः गतिज ऊर्जा दोगुनी करने पर निकटतम पहुँच की दूरी का मान आधा हो जाएगा?


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