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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

साठोत्तरी कविता से आप क्या समझते हैं ?

Answer»

साठोत्तरी कविता मोह-भंग, आक्रोश, अस्वीकार, तनाव और विद्रोह की कविता है। इसको मुहावरा नया है, शैली बेपर्द है और इसमें जिजीविषा का गहरा रंग है।

2.

छायावाद के चार कवि और उनकी दो-दो रचनाएँ लिखिए।यापायावाद के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    जयशंकर प्रसाद कामायनी; आँसू,
⦁    सुमित्रानन्दन पन्त-पल्लव; ग्राम्या,
⦁    सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’–परिमल; गीतिका,
⦁    महादेवी वर्मा–दीपशिखा; सान्ध्य-गीत।

3.

नवगीत’ से आप क्या समझते हैं ?

Answer»

‘नवगीत’ छायावादी एवं प्रगतिवादी दोनों ही काव्यों की कई विशेषताओं से युक्त ऐसा काव्य है, जिसमें आधारभूत चेतना, जीवन-दृष्टि, भाव-भूमि एवं अभिव्यंजना शैली की व्यापकता, सूक्ष्मता, विविधता, यथार्थता एवं लौकिकता का एकान्तिक संयोग है।

4.

दो रहस्यवादी कवि और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    सुमित्रानन्दन पन्त कृत ‘पल्लव’ तथा
⦁    महादेवी वर्मा कृत ‘दीपशिखा’।

5.

‘नवगीत’ की किन्हीं दो आधारभूत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

Answer»

नवगीत की दो आधारभूत विशेषताएँ हैं-
⦁    सर्वत्र भावानुकूल भाषा का प्रयोग तथा
⦁    स्वस्थ बिम्ब एवं प्रतीक विधान।

6.

‘तारसप्तक’ का प्रकाशन किसने और किस समय किया? इसके सम्पादक कौन थे ?

Answer»

श्री सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने सन् 1943 ई० में अपनी पीढ़ी के अन्य छ: कवियों के सहयोग से ‘तारसप्तक’ का प्रकाशन किया। इसके सम्पादक श्री सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ स्वयं थे।

7.

‘तारसप्तक’ की कविताएँ किस काव्यधारा से सम्बन्धित हैं ?

Answer»

‘तारसप्तक’ की कविताएँ प्रयोगवादी काव्यधारा से सम्बन्धित हैं।

8.

छायावाद काल की समय-सीमा बताइए।

Answer»

सन् 1918 से 1938 ई० तक का समय छायावाद के नाम से जाना जाता है।

9.

छायावादी कविता के हास के कारण संक्षेप में लिखिए।

Answer»

⦁    छायावादी कविता में सूक्ष्म और वायवीय कल्पनाओं की अधिकता थी।
⦁    स्थूल जगत की कठोर वास्तविकता से उसका कोई सम्बन्ध नहीं रह गया था।
⦁    समाज में पूँजी के विरुद्ध आवाज उठ रही थी, इसलिए अतिशय कल्पना को छोड़ रोटी, कपड़ा और मकान कविता का विषय बनने लगे थे।

10.

नवगीत’ के दो महत्त्वपूर्ण गीतकारों और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।

Answer»

नवगीत’ के दो महत्त्वपूर्ण गीतकार और उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
⦁    शम्भूनाथ सिंह (‘उदयाचल’, ‘दिवालोक’, ‘समय की शिला पर’, ‘जहाँ दर्द नील हैं’ आदि।) तथा
⦁    वीरेन्द्र मिश्र (‘गीतम’, ‘लेखनी बेला’, ‘अविराम चल मधुवन्ति’ आदि।)

11.

निम्नलिखित में से किन्हीं दो की एक-एक प्रसिद्ध काव्य-रचना का नाम लिखिए(1) महादेवी वर्मा,(2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’,(3) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,(4) केशवदास।

Answer»

(1) महादेवी वर्मा-‘दीपशिखा’।
(2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’-‘परिमल’।
(3) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र-‘प्रेम-फुलवारी’।
(4) केशवदास-‘रामचन्द्रिका’।

12.

प्रथम तारसप्तक के कवियों के नाम लिखिए।याहिन्दी में प्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं चार कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध’, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, नेमिचन्द्र जैन, भारत भूषण और रामविलास शर्मा। सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने इन सात कवियों की रचनाएँ ‘तारसप्तक’ के नाम से सन् 1943 ई० में प्रकाशित कीं।

13.

‘तीसरा सप्तक’ के कवियों के नाम लिखिए। यह कब प्रकाशित हुआ ? या तीसरा सप्तक के प्रकाशन-वर्ष का उल्लेख कीजिए।

Answer»

‘तीसरा सप्तक’ के अन्तर्गत प्रयागनारायण त्रिपाठी, कीर्ति चौधरी, मदन वात्स्यायन, केदारनाथ सिंह, कुंवर नारायण, विजयदेव नारायण साही तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ संकलित हैं। इस सप्तक की कविताओं में सौन्दर्यवादी प्रवृत्ति के साथ-साथ युगीन सत्य की भी निश्छल अभिव्यक्ति मिलती है। इसका प्रकाशन सन् 1959 ई० में हुआ।

14.

प्रयोगवाद से आप क्या समझते हैं ? ‘नयी कविता’ क्या है ?

Answer»

सन् 1943 में प्रकाशित ‘तारसप्तक’ की कविताओं में नये बिम्ब-विधानों, नये अलंकारों और नयी भावाभिव्यक्ति को अपनाया गया। काव्य की इसी नयी विधा को ‘प्रयोगवादी काव्य’ के नाम से अभिहित किया गया। नयी कविता इस प्रयोगवादी कविता का ही विकसित रूप है।

15.

छायावादी कविता के हास के कारण लिखिए।

Answer»

विदेशी शासन के दमन के कारण जनसाधारण की निरन्तर बढ़ती पीड़ा छायावाद के ह्रास का मुख्य कारण बनी। इस दमन को देखकर कविगण कल्पना लोक से उबरकर यथार्थ के कठोर धरातल पर आ गये। पूँजी की वृद्धि तथा दीनता का प्रसार भी छायावाद के ह्रास का कारण बना।

16.

छायावादोत्तर काल की कविता का काल-विभाजन लिखिए।

Answer»

(क) प्रगतिवाद, प्रयोगवाद (1938-1959 ई०);
(ख) नयी कविता का काल (1959 ई० से वर्तमान तक)।

17.

प्रगतिवाद के प्रमुख कवियों और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।याप्रगतिवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए।

Answer»

नागार्जुन (युगधारा), केदारनाथ अग्रवाल (युग की गंगा), शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (प्रलयसृजन), त्रिलोकचन्द शास्त्री (धरती)।

18.

भारतेन्दु युग के दो कवियों के नाम उनकी एक-एक रचनासहित लिखिए।याभारतेन्दु युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    भारतेन्दु हरिश्चन्द्र-प्रेम माधुरी तथा
⦁    श्रीधर पाठक–वनाष्टक।

19.

प्रयोगवादी काव्यधारा का नेतृत्व करने वाले कवि का नामोल्लेख कीजिए और उनके एक प्रमुख प्रकाशन का नाम लिखिए।

Answer»

प्रयोगवादी काव्यधारा का नेतृत्व करने वाले कवि सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय हैं। इन्होंने ‘तारसप्तक’ नामक एक काव्य-संकलन सन् 1943 ई० में प्रकाशित किया। ‘कितनी नावों में कितनी बार इनकी एक प्रमुख रचना है, जिस पर इन्हें ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार की प्राप्ति हुई है।

20.

छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख करते हुए किन्हीं दो छायावादी कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    मूलतः सौन्दर्य और प्रेम का काव्य,
⦁    प्रकृति का मानवीकरण,
⦁    अज्ञात के प्रति जिज्ञासा (रहस्यवादी प्रवृत्ति),
⦁    नारी की महिमा का वर्णन,
⦁    राष्ट्रीयता की भावना,
⦁    वैराग्य, वेदना और पलायनवादिता,
⦁    प्रतीकात्मकता और लाक्षणिकता,
⦁    चित्रात्मकता,
⦁    प्रगतिमयता तथा
⦁    खड़ी बोली का अतिशय परिमार्जन।

दो छायावादी कवियों के नाम-
⦁    जयशंकर प्रसाद तथा
⦁    सुमित्रानन्दन पन्त।

21.

द्विवेदीयुगीन कविता की दो प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

Answer»

द्विवेदी युग के काव्य की दो विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) निम्नलिखित हैं-

⦁    काव्य में ब्रजभाषा के स्थान पर खड़ी बोली की प्रतिष्ठा हुई।
⦁    स्वदेश प्रेम तथा स्वदेशी गौरव पर काव्य-रचनाएँ की गयीं।

22.

द्विवेदी युग के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    मैथिलीशरण गुप्त तथा
⦁    अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।

23.

कविता के आधुनिककाल के तृतीय युग का नाम लिखिए तथा उस युग के एक प्रमुख कवि का नाम लिखिए।

Answer»

कविता के आधुनिककाल के तृतीय युग का नाम ‘छायावादी युग’ है तथा इस युग के प्रमुख कवि श्री जयशंकर प्रसाद जी हैं।

24.

कविता के आधुनिककाल के द्वितीय युग का नाम तथा उस युग के एक प्रमुख कवि तथा एक रचना का नाम लिखिए।

Answer»

आधुनिककाल के द्वितीय युग का नाम द्विवेदी युग’ है। कवि–मैथिलीशरण गुप्त; रचना–साकेत।

25.

कविता के आधुनिककाल के प्रथम युग का नाम लिखिए तथा उस युग के एक प्रमुख कवि का नाम बताइए।

Answer»

कविता के आधुनिककाल का प्रथम युग–भारतेन्दु युग। प्रमुख कवि-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र।

26.

पुनर्जागरण काल (भारतेन्दु युग) का समय लिखिए।

Answer»

सन् 1857 से 1900 ई० तक।

27.

नयी कविता की विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख करते हुए किन्हीं दो प्रतिनिधि कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

नयी कविता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

⦁    यथार्थता,
⦁    वर्जनाओं से मुक्ति (अर्थात् सामाजिक मर्यादाओं एवं बन्धनों का तिरस्कार करके नि:संकोचे अश्लील चित्रण),
⦁    हृदयपक्ष की अपेक्षा बुद्धिपक्ष की प्रधानता,
⦁    निराशा तथा अवसाद (खिन्नता) की प्रबलता,
⦁    खिचड़ी भाषा, जिसमें हिन्दी की विभिन्न बोलियों, प्रादेशिक भाषाओं एवं अंग्रेजी आदि के शब्दों का घालमेल तथा
⦁    प्रतीकों, बिम्बों एवं मुक्त छन्द पर बल। | नयी कविता के दो प्रतिनिधि कवि हैं-जगदीश गुप्त और सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।

28.

‘नया दोहा’ के प्रमुख संकलनों के नाम लिखिए।

Answer»

नया दोहा’ के प्रमुख संकलनों के नाम निम्नलिखित हैं

⦁    अमलतास की छाँव (पाल भसीन),
⦁    आँखों खिले पलाश (पं० देवेन्द्र शर्मा ‘इन्द्र’),
⦁    कटुक सतसई (विश्वप्रकाश दीक्षित ‘बटुक’),
⦁    कालाय तस्मै नमः (भारतेन्दु मिश्र) आदि।

29.

‘नयी कविता’ से सम्बन्धित किन्हीं दो पत्रिकाओं के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    कल्पना’ तथा
⦁    ‘ज्ञानोदय’।

30.

साठोत्तरी कविता के किन्हीं दो प्रमुख कवियों और उनकी रचनाओं के नामोल्लेख कीजिए।

Answer»

साठोत्तरी कविता के दो महत्त्वपूर्ण कवि और उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं–

⦁    धूमिल (‘संसद से सड़क तक’, ‘कल सुनना मुझे’, ‘सुदामा पाण्डे का प्रजातन्त्र’ आदि) तथा
⦁    रामदरश मिश्र (‘पथ के गीत’, ‘बैरंग बेनाम चिट्ठियाँ’, ‘पक गयी है धूप’, ‘कन्धे पर सूरज’ आदि)।

31.

नयी कविता की किन्हीं दो प्रमुख रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    युग की गंगा-केदारनाथ अग्रवाल तथा
⦁    बूंद एक टपकी-भवानीप्रसाद मिश्र।

32.

नवगीतधारा के प्रमुख कवियों के नाम बताइए।

Answer»

रमानाथ अवस्थी, डॉ० शम्भूनाथ सिंह, श्रीपाल सिंह ‘क्षेम’, गुलाब खण्डेलवाल, सुमित्राकुमारी सिन्हा, शान्ति मेहरोत्रा, हंसकुमार तिवारी, सोम ठाकुर, गोपालदास नीरज’, वीरेन्द्र मिश्र तथा डॉ० कुँवर बेचैन।

33.

नयी कविता के पाँच प्रमुख कवियों के नाम बताइए।

Answer»

जगदीश गुप्त, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, लक्ष्मीकान्त वर्मा तथा सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।

34.

आधुनिक कविता के प्रमुख वादों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, हालावाद, स्वच्छन्दतावाद आदि आधुनिक कविता के प्रमुख वाद हैं।

35.

प्रयोगवादी काव्य की पाँच रचनाओं और रचयिताओं के नाम लिखिए।याप्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए। 

Answer»

भग्नदूत (सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’), चाँद का मुँह टेढ़ा (गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’); ओ अप्रस्तुत मन (भारतभूषण अग्रवाल), धूप के धान (गिरिजाकुमार माथुर), गीतफरोश (भवानीप्रसाद मिश्र)।

36.

आधुनिक युग की कविता की चार मुख्य विशेषताएँ बताइए।

Answer»

⦁    यथार्थ का उन्मुक्त चित्रण,
⦁    नारी-मुक्ति का आह्वान,
⦁    लघुता के प्रति सजगता और
⦁    गेय तत्त्व की अवहेलना।

37.

द्विवेदी युग की समय-सीमा बताइए।

Answer»

द्विवेदी युग की समय-सीमा 1900 ई० से 1918 ई० तक है।

38.

वर्तमान युग के पाँच जीवित कवियों के नाम लिखिए।

Answer»

वर्तमान युग के पाँच जीवित कवियों के नाम हैं—पं० देवेन्द्र शर्मा ‘इन्द्र’, पाल भसीन, विश्वप्रकाश दीक्षित ‘बटुक, भारतेन्दु मिश्र और दिवाकर आदित्य शर्मा।

39.

द्विवेदीयुगीन काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए।

Answer»

⦁    श्री मैथिलीशरण गुप्त; रचनाएँ–भारत-भारती तथा यशोधरा,
⦁    श्री अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध’; रचनाएँ—रुक्मिणी परिणय तथा वैदेही वनवास।

40.

साठोत्तरी कविता की किन्हीं दो आधारभूत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

Answer»

साठोत्तरी कविता की दो आधारभूत विशेषताएँ निम्नलिखित हैं—

⦁    अन्याय के विरुद्ध और शासन द्वारा कही जाने वाली चिकनी-चुपड़ी बातों की आक्रोशयुक्त स्वर में अभिव्यक्ति तथा
⦁    व्यक्ति और उसके परिवेश की हर परत की बेपर्द अभिव्यक्ति।

41.

प्रगतिवादी कविता की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।याप्रगतिवादी काव्य की दो प्रमुख प्रवृत्तियों (विशेषताओं) का नामोल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    साम्यवाद का काव्यात्मक रूपान्तर (अर्थात् मार्क्स और रूस का गुणगान, पूँजीवाद का विरोध एवं कृषक-मजदूर-राज्य की स्थापना का स्वप्न),
⦁    यथार्थवाद,
⦁    परम्पराओं और रूढ़ियों का विरोध,
⦁    धर्म और ईश्वर में अविश्वास,
⦁    श्रम की महत्ता की स्थापना,
⦁    शोषितों के प्रति सहानुभूति,
⦁    वेदना और निराशा,
⦁    नारी के प्रति आधुनिक यथार्थवादी दृष्टिकोण,
⦁    जन-भाषा का आग्रह तथा
⦁    छन्दों और अलंकारों का बहिष्कार।

42.

द्विवेदीकालीन दो प्रमुखतम महाकाव्यों के नाम लिखिए।याआधुनिककाल के दो महाकाव्यों और उनके रचयिताओं के नाम बताइए।

Answer»

⦁    साकेत – मैथिलीशरण गुप्त।
⦁    प्रियप्रवास – अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।

43.

बिहारी, मैथिलीशरण गुप्त, अज्ञेय, रत्नाकर, पन्त, दिनकर में से किन्हीं दो की एक-एक रचना का नाम लिखिए।

Answer»

अज्ञेय–आँगन के पार द्वार। जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’-उद्धवशतक।

44.

प्रगतिवादी युग के दो कवियों तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।

Answer»

⦁    रामधारी सिंह ‘दिनकर’-उर्वशी तथा
⦁    शिवमंगल सिंह ‘सुमन’–विन्ध्य हिमालय से।

45.

प्रगतिवादी काव्य का परिचय दीजिए।

Answer»

प्रगतिवादी काव्य का उद्भव छायावादी काव्य की काल्पनिक एवं भावुकतापूर्ण अभिव्यक्ति के विद्रोहस्वरूप हुआ। इस वाद के काव्यों में स्थूल जगत् की वास्तविकता, सामाजिक-आर्थिक विसंगतियों एवं वर्ग-शोषण के स्वर को अलंकारविहीन तथा सरल रूप में अभिव्यक्ति दी गयी।

46.

निम्नलिखित कवियों में से किन्हीं दो द्वारा रचित एक-एक महाकाव्य का नाम लिखिए(1) चन्दबरदाई,(2) तुलसीदास,(3) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’,(4) रामधारी सिंह ‘दिनकर’।

Answer»

(1) पृथ्वीराज रासो,
(2) श्रीरामचरितमानस,
(3) प्रियप्रवास तथा
(4) कुरुक्षेत्र।

47.

नयी कविता को अकविता क्यों कहा जाता है ?

Answer»

नयी कविता परम्परागत कविता के स्वरूप से नितान्त भिन्न हो गयी है। यह किसी वाद या दर्शन से जुड़ी नहीं है, इसलिए इसे अकविता कहा जाता है।

48.

निम्नलिखित कवियों की एक-एक प्रमुख रचना का नाम लिखिए जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, सुमित्रानन्दन पन्त, रामधारी सिंह ‘दिनकर’।

Answer»

⦁    जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, रचना-गंगावतरण।
⦁    सुमित्रानन्दन पन्त, रचना-चिदम्बरी।
⦁    रामधारी सिंह ‘दिनकर’, रचना–उर्वशी।

49.

आधुनिक युग (छायावादी काव्यधारा) के किसी एक महाकाव्य और उसके रचनाकार का नाम लिखिए।या‘कामायनी’ महाकाव्य के सर्गों के नाम लिखिए। 

Answer»

महाकाव्य-कामायनी; रचनाकार–जयशंकर प्रसाद।

‘कामायनी’ महाकाव्य के सर्गों के नाम हैं—
⦁    चिन्ता,
⦁    आशा,
⦁    श्रद्धा,
⦁    काम,
⦁    वासना,
⦁    लज्जा ,
⦁    कर्म,
⦁    ईष्र्या,
⦁    इडा,
⦁    स्वप्न,
⦁    संघर्ष,
⦁    निर्वेद,
⦁    दर्शन,
⦁    रहस्य तथा
⦁    आनन्द

50.

प्रयोगवादी कविता की मुख्य विशेषताएँ बताइए। या छायावादोत्तर काल की काव्य-प्रवृत्तियाँ लिखिए।

Answer»

⦁    अति वैयक्तिकता,
⦁    निराशा, कुण्ठा और घुटन,
⦁    फ्रायड के प्रभाववश नग्न यौन-चित्रण,
⦁    अतियथार्थवाद (नग्न यथार्थ),
⦁    पराजय, पलायन और वेदना,
⦁    बौद्धिकता,
⦁    क्षण का महत्त्व,
⦁    अवचेतन के यथावत् प्रकाशन का आग्रह,
⦁    अनगढ़ भाषा का प्रयोग एवं
⦁    नया शिल्पविधान (नये उपमानों, बिम्बों, प्रतीकों का प्रयोग तथा छन्दहीनता का आग्रह)।