InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 251. |
p - n सन्धि के विभव प्राचीर पर ताप वृद्धि का क्या प्रभाव पड़ता है ? |
| Answer» ताप में `1 ^(@)C ` वृद्धि होने पर `V _(B )` का मान 2 mV कम हो जाता है। | |
| 252. |
ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालक की चालकता पर क्या प्रभाव पड़ता है ? प्रतिरोध पर ? |
| Answer» चालकता बढ़ जाती है, प्रतिरोध घट जाता है । | |
| 253. |
सिलिकन डायोड में `30 ^(@)C ` ताप पर उत्क्रम संतृप्ति धारा का मान 5 nA है। `100 ^(@)C ` ताप पर उत्क्रम संतृप्ति धारा का मान क्या होगा ? |
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Answer» ताप में प्रत्येक `10 ^(@ )C ` वृद्धि के लिए उत्क्रम संतृप्ति धारा का मान 2 गुना हो जाता है। प्रश्नानुसार, ताप वृद्धि `=100^(@)C-30^(@)C=70^(@)C=(10^(@)C)xx7 ` `100^(@)C` पर संतृप्ति धारा `I_(S)=(2)^(7)xx5=128xx5=640nA` |
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| 254. |
सिलिकन डायोड में, `30 ^(@)C ` ताप पर उत्क्रम संतृप्ति धारा का मान 5nA है। `35 ^(@)C ` ताप पर उत्क्रम संतृप्ति धारा का मान क्या होगा ? |
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Answer» `30^(@)C` पर `I_(S)` का मान = 5 nA `1^(@)C` ताप वृद्धि पर `I_(S)` का मान `7%` बढ़ जाता है, अर्थात 1.07 गुना हो जाता है। अतः `35^(@)C` ताप पर `I_(S)=(1.07)(1.07)(1.07)(1.07)(1.07)(5nA)` `=(1.415)(5nA)=7.05nA~~7.1nA` |
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| 255. |
आयनिक, सहसंयोजक, धात्विक और वाण्डर वाल्स ठोसों में से अर्धचालक, चालक और विद्युतरोधी के लिए कौन से ठोस सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं ? |
| Answer» आयनिक ठोस विद्युतरोधी, सहसंयोजक ठोस अर्ध - चालक तथा धात्विक ठोस चालक के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। | |
| 256. |
आशुतोष रात में T.V.का कार्यक्रम देख रहा था तभी अचानक बिजली चली गई, तब उसकी माँ ने उसे रसोई से माचिस तथा मोमबत्ती लाने को कहा जिससे कुछ प्रकाश हो जाए। तभी आशुतोष ने अपने मोबाइल से वहाँ प्रकाश कर दिया जिसे देखकर उसकी माँ आश्चर्यचकित एवं खुश हो गई। LED में प्रयुक्त पदार्थ कौन सा होता है? |
| Answer» लाल रंग के LED में `GaAs_(0.6)P_(0.4)` तथा अवरक्त LED GaAs प्रयुक्त होता है। | |
| 257. |
रमेश हर वर्ष छुट्टियों में अपनी दादी के गाँव जाता है। एक बार वह अपनी दादी के साथ एक धार्मिक स्थान पर गया जहाँ भजन चल रहा था वहीं पास में एक काले रंग का बॉक्स रखा हुआ था। उसने अपनी दादी से उस बॉक्स के विषय में पूछा तो उन्होंने इसे एम्प्लीफायर (प्रवर्धक) बताया तथा उसके कार्य से भी रमेश को परिचित कराया। रमेश के किन मूल्यों की जानकारी प्राप्त होती है? |
| Answer» रमेश एक जागरूक, उत्साही तथा संवेदनशील प्रकृति का है। | |
| 258. |
रमेश हर वर्ष छुट्टियों में अपनी दादी के गाँव जाता है। एक बार वह अपनी दादी के साथ एक धार्मिक स्थान पर गया जहाँ भजन चल रहा था वहीं पास में एक काले रंग का बॉक्स रखा हुआ था। उसने अपनी दादी से उस बॉक्स के विषय में पूछा तो उन्होंने इसे एम्प्लीफायर (प्रवर्धक) बताया तथा उसके कार्य से भी रमेश को परिचित कराया। एम्प्लीफायर में मूलतः किस इलेक्ट्रॉनिक युक्ति का उपयोग करते हैं? |
| Answer» ट्रांजिस्टर का उपयोग करते हैं। | |
| 259. |
रमेश हर वर्ष छुट्टियों में अपनी दादी के गाँव जाता है। एक बार वह अपनी दादी के साथ एक धार्मिक स्थान पर गया जहाँ भजन चल रहा था वहीं पास में एक काले रंग का बॉक्स रखा हुआ था। उसने अपनी दादी से उस बॉक्स के विषय में पूछा तो उन्होंने इसे एम्प्लीफायर (प्रवर्धक) बताया तथा उसके कार्य से भी रमेश को परिचित कराया। एम्प्लीफायर क्या कार्य करता है? |
| Answer» एम्प्लीफायर निवेशी सिग्नल के सामर्थ्य में वृद्धि करता है। | |
| 260. |
एक ट्रांजिस्टर के लिये `beta = 49 ` है। इसमें प्रवाहित उत्सर्जक धारा 10 mA है। ज्ञात कीजिये - (i ) `alpha ` (ii ) संग्राहक धारा (iii ) आधार धारा। |
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Answer» (i)प्रश्नानुसार, `beta=49, I_(E)=10mA` `therefore alpha =(beta)/(beta+1)=(49)/(49+1)=(49)/(50)=0.98` (ii) `alpha=(I_(C))/(I_(E))` से, `I_(C)=alpha I_(E)=0.98xx10=9.8 mA` (iii) `I_(E)=I_(B)+I_(C)` से, `I_(B)=I_(E)-I_(C)=10-9.8=0.2mA` वैकल्पिक विधि - `beta=(I_(C))/(I_(B))` से, `I_(B)=(I_(C))/(beta)=(9.8)/(49)=0.2mA` |
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| 261. |
चित्र में `R _(S ) = 500 ` ओम , `V _(Z ) =10 V ` तथा `R _(L )=1 k Omega ` हैं। परिपथ में `I _(Z ), I _(L )` तथा `V _(o )` का मान क्या होगा यदि - (i ) `V _(i )=30 V ` है, (ii ) `V _(i )= 15 V ` है, (iii ) `V _(i )=5V ` है ? |
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Answer» (i) जब `V_(i)=30V` है - `V_(i) gt V_(Z)` अतः जेनर डायोड भंजन क्षेत्र में है। अतः `I=(V_(i)-V_(Z))/(R_(S))=(30-10)/(500)` `=(1)/(25)` एम्पियर `=40` मिलीऐम्पियर `V_(o)=V_(Z)=10` वोल्ट `I_(L)=(V_(o))/(R_(L))=(10V)/(1000"ओम")=10` मिलीऐम्पियर `I_(Z)=I-I_(L)=40-10=30` मिलीऐम्पियर (ii) जब `V_(i)=15V` है - `V_(i) gt V_(Z)` अतः डायोड भंजन क्षेत्र में है। अतः `I=(15-10)/(500)=(5)/(500)` `=(1)/(100)` एम्पियर `=0` मिलीऐम्पियर `V_(o)=V_(Z)=10` वोल्ट `I_(L)=(V_(o))/(R_(L))=(10"वोल्ट")/(1000"ओम")` `=10` मिलीऐम्पियर `I_(Z)=I-I_(L)=10-10=`शून्य (iii) जब `V_(i)= 5V` है - `V_(i) lt V_(Z)` अतः डायोड भंजन क्षेत्र में नहीं है। अतः इसमें चालन नहीं होगा। `I_(Z)=0` अतः `I=I_(L)=(V_("in"))/(R_(S)+R_(L))` `=(5)/(500+1000)=(1)/(300)` एम्पियर `=(10)/(3)` मिलीऐम्पियर `V_(o)=I_(L)xxR_(L)=((1)/(300))xx(1000)` `=(10)/(3)` वोल्ट |
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| 262. |
किसी CE- ट्रांजिस्टर प्रवर्धक के लिए 2.0 k`Omega` के उत्सर्जक प्रतिरोध के लिए सिरों पर 2.0V है। माना ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धक 100 है। यदि D.C. का आधार धारा का मान सिग्नल धारा का 10 गुना होता है, तो 2.0 V की आपूर्ति `V_"BB"` श्रेणीक्रम में संयोजित प्रतिरोधक `R_B` का मान क्या होगा। संग्राहक प्रतिरोध के सिरों पर D.C. विभव पतन की गणना कीजिए। |
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Answer» निर्गत DC विभव 2.0 V पर AC संग्राही धारा `I_C=2.0/2000`=1.0 mA आधार से गुजरने वाली धारा `I_B=I_C/beta=(1mA)/100`=0.10 mA D.C. आधार धारा =10 x 0.010=0.10 mA `R_B=(V_"BB"-V_"BE")/I_B` `R_B=(2.0-0.6)/0.10=14 kOmega` D.C. संग्राही धारा `I_C`=100 x 0.10 =10 mA |
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| 263. |
एक ट्रांजिस्टर प्रवर्धक में `beta` = 62, `R_L` = 5000 ओम , Ri=500 ओम तथा `alpha =(DeltaI_C)/(DeltaI_E)` ओम है। वोल्टेज प्रवर्धन तथा शक्ति प्रवर्धन ज्ञात कीजिए। |
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Answer» वोल्टेज प्रवर्धन `A_v=betaxxR_L/R_i` …(1) शक्ति प्रवर्धन =`beta^2xxR_L/R_i` ….(2) समीकरण (1) में मान रखने पर, वोल्टेज प्रवर्धन`A_v=62xx5000/500`=620 समीकरण (2) में मान रखने पर, शक्ति प्रवर्धन =`beta^2xx5000/500` `=62^2xx5000/500` =38440 |
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| 264. |
ट्रांजिस्टर में संग्राहक डोपिंग स्तर उत्सर्जन डोपिंग स्तर से ____होता है। |
| Answer» Correct Answer - कम | |
| 265. |
चित्र में यदि बैटरी की ध्रुवता बदल दें तो लोड धरा, लोड वोल्टता, डायोड वोल्टता, लोड शक्ति, डायोड शक्ति व कुल शक्ति का मान क्या होगा ? |
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Answer» चित्र से बैटरी की ध्रुवता बदल देने पर डायोड पश्च दिशिक बायस में होगा। इस स्थिति में चाहे डायोड आदर्श हो अथवा व्यवहारिक, यह खुले स्विच द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है । अतः लोड धारा `I_(L)=0` मिलीऐम्पियर लोड वोल्टता `V_(L)=I_(L)R_(L)=0xx(1xx10^(3))=0` वोल्ट चित्र में `10=V_(D)+V_(L)` `therefore` डायोड वोल्टता `V_(D)=10-V_(L)=10-0=10` वोल्ट लोड शक्ति `P_(L)=I_(L) xx V_(L)=0xx0=0` मिलीवाट डायोड शक्ति `P_(D)=I_(D)xx V_(D)=0xx10=0` मिलीवाट कुल शक्ति `P_(r)=P_(L)+P_(D)=0+0=0` मिलीवाट |
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| 266. |
प्रवर्धक किसी प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टेज की ___ को बड़ा देता है । |
| Answer» Correct Answer - शक्ति | |
| 267. |
संधि ट्रांजिस्टर में ____ सबसे पतला रखा जाता है । |
| Answer» Correct Answer - आधार | |
| 268. |
जेनर डायोड का उपयोग होता है-A. प्रवर्धन मेंB. दिष्टकरण मेंC. दोलित्र में दोलन उत्पन्न करने मेंD. वोल्टेज नियंत्रण में। |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 269. |
जेनर डायोड ___ क्षेत्र में चलित होता है। |
| Answer» Correct Answer - टूट- फुट | |
| 270. |
जेनर डायोड का उपयोग ___ होता है । |
| Answer» Correct Answer - वोल्टेज रेगुलेटर | |
| 271. |
p-n-p ट्रांजिस्टर की अपेक्षा n -p -n ट्रांजिस्टर अधिक श्रेष्ठ होता है , क्योकि n-p -n ट्रांजिस्टर में ____ आसानी से उपलब्ध हो जाते है । |
| Answer» Correct Answer - इलेक्ट्रॉन | |
| 272. |
अर्धचालक की ताप बढ़ाने पर इनकी चालकताA. बढ़ती हैB. घटती हैC. शून्य हो जाता हैD. कोई परिवर्तन नहीं होता। |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 273. |
n - p - n तथा p - n - p ट्रांजिस्टरों में से कौन-सा अधिक श्रेष्ठ है और क्यों ? |
| Answer» n - p - n ट्रांजिस्टर । इसका कारण यह है की n - p - n ट्रांजिस्टर में धारा परवाह मुख्यतः इलेक्ट्रॉनों द्वारा होता है जबकि p - n - p ट्रांजिस्टर में होलों द्वारा। इलेक्ट्रॉन, होलों की अपेक्षा अधिक गतिशील होते हैं। | |
| 274. |
अर्धचालको को गर्म करने पर उनकी विद्युत चालकता किस प्रकार प्रभावित होती है ? |
| Answer» जब किसी शुद्ध अर्धचालक को गर्म किया जाता है, तो कुछ सहसंयोजक बंध टूट जाते हैं जिससे संयोजक इलेक्ट्रॉन गति करने के लिए मुक्त हो जाते हैं। जैसे-जैसे ताप बढ़ता है, मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती जाती है। अत: उनकी विद्युत चालकता बढ़ने लगती है। | |
| 275. |
ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक व संग्राहक की तुलना में आधार को बहुत पतला क्यों बनाया जाता है ? |
| Answer» आधार में इलेक्ट्रॉन और होल अल्प मात्रा में संयोग कर सकें, इसलिए आधार को पतला बनाया जाता है। इस स्थिति में आधार धारा का मान बहुत ही कम होता है । फलस्वरूप संग्राहक = धारा लगभग उत्सर्जक धारा के बराबर होती है `(I_e = I_c + I_b)` | इस प्रकार, वोल्टेज लाभ और शक्ति लाभ का मान बढ़ जाता है। | |
| 276. |
n - टाइप अर्द्धचालक का उदाहरण है -A. शुद्ध जर्मेनियमB. शुद्ध सिलिकनC. आर्सेनिक मिला जर्मेनियमD. बोरॉन मिला जर्मेनियम |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 277. |
p - n - p ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक और संग्राहक दोनों p -प्रकार के होते हुए भी वे कैसे समान नहीं है ? |
| Answer» उत्सर्जक अधिक अपमिश्रित तथा संग्राहक अपेक्षाकृत कम अपमिश्रित होता है। | |
| 278. |
दो ऐसे अपद्रव्यों के नाम बताइये जो शुद्ध सिलिकन को - (i ) p - प्रकार का (ii ) n - प्रकार का अर्द्धचालक बना देंगे। |
| Answer» (i ) बोरॉन, ऐलुमिनिया, (ii ) आर्सेनिक , फॉस्फोरस । | |
| 279. |
p - टाइप अर्द्धचालक का उदाहरण है -A. शुद्ध जर्मेनियमB. शुद्ध सिलिकनC. आर्सेनिक मिला जर्मेनियमD. बोरॉन मिला जर्मेनियम |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 280. |
L-C परिपथ में दोलन क्यों अवमंदित होते हैं? ट्रांजिस्टर के रूप में इनका दोलन आयाम कैसे नियत रखा जाता है ? |
| Answer» L-C परिपथ में सर्वप्रथम संधारित्र आवेशित होता है और फिर प्रेरकत्व द्वारा विसर्जित होता है। संधारित्र की विद्युत- ऊर्जा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा में तथा प्रेरकत्व की चुम्बकीय ऊर्जा संधारित्र की विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती रहती है। परिपथ के प्रतिरोध के कारण दोलन का आयाम लगातार घटता जाता है। दोलन आयाम को नियत रखने के लिए ऊर्जा में क्षति की पूर्ति ट्रांजिस्टर की सहायता से उसके साथ लगे दिष्ट धारा स्रोत से की जाती है। | |
| 281. |
जर्मेनियम किस प्रकार p - प्रकार का अर्द्धचालक बनाया जाता है ? |
| Answer» जर्मेनियम में 3 संयोजकता के परमाणु वाला अपद्रव्य, जैसे - एलुमीनियम अथवा बोरॉन मिश्रित करके। | |
| 282. |
सिलिकन में गैलियम पर किस प्रकार का अर्द्धचालक बनेगा ? |
| Answer» p - प्रकार का ( गैलियम की संयोजकता 3 होती है ) । | |
| 283. |
n - p - n ट्रांजिस्टर का परिपथ प्रतीक है -A. B. C. D. |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 284. |
ट्रांजिस्टर में -A. उत्सर्जक सबसे कम अपमिश्रित होता हैB. संग्राहक सबसे कम अपमिश्रित होता हैC. आधार सबसे कम अपमिश्रित होता हैD. तीनों खण्ड समान रूप से अपमिश्रित होते है |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 285. |
किसी गेट के बूलियन व्यंजक से क्या तात्पर्य है ? |
| Answer» वह व्यंजक जो गेट के निर्गत व निवेश के बीच तार्किक सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है। | |
| 286. |
सिलिकन को n - प्रकार का अर्द्धचालक बनाने के लिए किसी एक उपयुक्त अपद्रव्य का नाम लिखिये । |
| Answer» आर्सेनिक, इनके परमाणु की संयोजकता 5 है । | |
| 287. |
n - टाइप का अर्द्धचालक बनाने के लिए शुद्ध सिलिकन में जो अपद्रव्य मिलाया जाता है, वह है -A. एलुमीनियमB. फॉस्फोरसC. बोरॉनD. एन्टीमनी |
| Answer» Correct Answer - B::D | |
| 288. |
निम्न चित्र में Si डायोड का अभिलाक्षणिक वक्र प्रदर्शित है। डायोड के प्रतिरोध की गणना कीजिए। `V=D=-10V` |
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Answer» डायोड के अभिलाक्षणिक वक्र को एक सरल रेखा मानने पर I = 10 mA से I=20 mA के मध्य के प्रतिरोध की गणना ओम के नियम से करने पर - V=-10V पर , I=-1 `muA` `therefore r_"rev"="10V"/(1 muA) = 1xx10^7 Omega` |
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| 289. |
किसी संधि डायोड को पश्च अभिनति रखने के लिए उसे बैटरी के साथ किस प्रकार जोड़ा जाना चाहिए। |
| Answer» p-क्षेत्र को बैटरी के ऋण सिरे से तथा n-क्षेत्र को बैटरी के धन सिरे से जोड़ा जाना चाहिए। | |
| 290. |
ट्रांजिस्टर की रचना में प्रयुक्त सर्वाधिक समान्य पदार्थ है -A. ताँबाB. सिलिकनC. एबोनाइटD. चाँदी |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 291. |
n-प्रकार का अर्धचालक बनाने में अपद्रव्य के रूप में प्रयुक्त तीन पदार्थों के नाम बताइये। |
| Answer» आर्सेनिक, ऐण्टीमनी, फॉस्फोरस | |
| 292. |
चित्र में प्रदर्शित डायोड में बहने वाली अपवाह धारा `20 mu A ` है। परिपथ में नेट धारा तथा डायोड के सिरों का विभवान्तर ज्ञात कीजिये। |
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Answer» चित्र में डायोड पश्च दिशिक बायस में है। अतः परिपथ में नेट धारा I = अपवाह धारा = `20 mu A ` डायोड के सिरों का विभवान्तर `V_(D)=5 - IR` `=5-(20xx10^(-6))xx100=5-0.002` `=4.998` वोल्ट |
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| 293. |
किसी संधि डायोड को अग्र अभिनति रखने के लिए उसे बैटरी के साथ किस प्रकार जोड़ा जाना चाहिए। |
| Answer» p-क्षेत्र को बैटरी के धन सिरे से तथा n -क्षेत्र को बैटरी के ऋण सिरे से जोड़ा जाना चाहिए। | |
| 294. |
किसी p - n सन्धि 0.50 वोल्ट विभव प्राचीर है। (a) यदि अवक्षय परत की चौड़ाई `5.0xx10^(7)` मीटर हो तो इस क्षेत्र में वैधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिये। (b) n - क्षेत्र से p - क्षेत्र में विसरण के लिये चालान इलेक्ट्रॉन की न्यूनतम गतिज ऊर्जा कितनी होनी चाहिये ? |
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Answer» (a) अवक्षय परत में वैधुत क्षेत्र की तीव्रता `E=(V_(B))/(d)=(0.50)/(5.0xx10^(7))=10^(6)` वोल्ट/मीटर (b) सन्धि पर n-क्षेत्र से p-क्षेत्र में विसरण के लिये, इलेक्ट्रॉन की न्यूनतम गतिज ऊर्जा `K_("min")=eV_(B)=(e xx 0.50)`जूल `=((e xx0.50)/(e))eV=0.50eV` |
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| 295. |
यदि शुद्ध अर्धचालक में पंचसंयोजी अशुद्धि मिलायी जाये तो किस प्रकार का अर्धचालक बनेगा ? |
| Answer» Correct Answer - n-प्रकार का | |
| 296. |
उत्क्रमक ( इनवर्टर ) किस गेट को कहा जाता है ?A. OR कोB. AND कोC. NOT कोD. किसी को भी नहीं |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 297. |
ट्रांजिस्टर की संग्राहक धारा, आधार धारा एवं उत्सर्जक धारा में क्या सम्बन्ध होता है ? |
| Answer» `I_(E)=I_(B)+I_(C)`. | |
| 298. |
अवक्षय पर्त में विभव प्राचीर का कारण है-A. आयनB. होलC. इलेक्ट्रॉनD. वर्जित स्तर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 299. |
जर्मेनियम P-N सन्धि के लिए प्राचीर विभव 0.3 वोल्ट है। यदि अवक्षय पर्त की मोटाई `10^(-6)` मीटर हो, तो प्राचीर विद्युत् क्षेत्र का मान ज्ञात कीजिए। |
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Answer» Correct Answer - `3.0xx10^5` वोल्ट / मीटर `E=V/d` |
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| 300. |
p- प्रकार के अर्धचालक में बहुसंख्यक आवेश वाहक बताइए। |
| Answer» Correct Answer - होल। | |